Friday, September 20, 2024

Deen Dayal Upadhyay, INDIA, News, PM Narendra Modi, Socio-Cultural

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 105वीं जयंती पर पीएम मोदी बोले- उनके विचार हमेशा देशवासियों को प्रेरित करेंगे 

PM Modi pays tributes to Pandit Deendayal Upadhyaya on his birth anniversary

(Pandit Deen Dayal Upadhyay )को देश आज याद कर रहा है। देशभर में आज उनकी 105वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम दिग्गजों ने उन्हें नमन किया है। आज ही के दिन यानी 25 सितंबर 1916 को  जन्म हुआ था।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा,’एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

गृह मंत्री ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए पंडित जी को नमन किया है। उन्होंने लिखा,’ दूरदर्शी राजनीतिज्ञ पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने समय समय पर विभिन्न चुनौतियों व समस्याओं के निराकरण के लिए अपने विचार-दर्शन से देश का मार्गदर्शन किया। पंडित जी के एकात्म मानववाद व अंत्योदय के मंत्र सदैव हमें जनकल्याण व राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे। उन्हें कोटिशः नमन।

उधर, रक्षा राजनाथ सिंह ने लिखा,’ एकात्म मानववाद जैसे प्रगतिशील आर्थिक विचार के प्रणेता एवं अंत्योदय के लिए आजीवन काम करने वाले ‘महामानव’ पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटि कोटि नमन। सेवा और समर्पण का उनका मंत्र हमें प्रेरणा देता है। उनके विचार और दर्शन भारत की आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय  जो पूरे देश में एकात्म मानववाद की विचारधारा से प्रसिद्ध हुए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय(Pandit Deen Dayal Upadhyay ) का जन्म 25 सितम्बर 1916 को जयपुर के निकट धानकिया गांव में उनके नाना के घर पर हुआ था। उनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय था, जो उत्तर प्रदेश के फरह,    ( ) के निवासी थे। उनकी माता का नाम रामप्यारी था। 1937 में जब वे कानपुर से बी.ए. कर थे, अपने सहपाठी बालूजी महाशब्दे की प्रेरणा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आए। उन्हें संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का सान्निध्य भी कानपुर में ही मिला।

उपाध्याय जी ने पढ़ाई पूरी होने के बाद संघ का दो वर्षों का प्रशिक्षण पूर्ण किया और संघ के जीवनव्रती प्रचारक हो गए। वे आजीवन संघ के प्रचारक रहे। संघ के माध्यम से ही उपाध्याय जी राजनीति में आए। 21 अक्टूबर 1951 को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना हुई।

1952 में इसका भारतीय जनसंघ का प्रथम अधिवेशन कानपुर में हुआ। पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deen Dayal Upadhyay ) इस दल के महामंत्री बने। इस प्रथम अधिवेशन में पारित 15 प्रस्तावों में से सात प्रस्ताव उन्होंने प्रस्तुत किए थे। डॉ. मुखर्जी ने उनकी कार्यकुशलता और क्षमता से प्रभावित होकर एकबार कहा था-यदि मुझे दो दीनदयाल मिल जाएं, तो मैं भारतीय राजनीति का नक्शा बदल दूं।

दीनदयाल उपाध्याय को  का आर्थिक नीति का रचनाकार माना जाता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का भारतीय संस्कृति में बहुत ज्यादा विश्वास था। वे मानते थे कि भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की संस्कृति एक ही हैं।

उनके शब्दों में -भारत में रहने वाला और इसके प्रति ममत्व की भावना रखने वाला मानव समूह एक जन हैं। उनकी जीवन प्रणाली, कला, साहित्य, दर्शन सब भारतीय संस्कृति है। इसलिए भारतीय राष्ट्रवाद का आधार यह संस्कृति है। इस संस्कृति में निष्ठा रहे तभी भारत एकात्म रहेगा।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels