आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कानपुर यूनिट ने रविवार को एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank ) लखनऊ के रीजनल मैनेजर वैभव श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया। वैभव गोमती नगर विकास खंड का रहने वाला है।बैंक मैनेजर पर जाली दस्तावेजों पर खाता खोलकर लोन की रकम भुगतान करने का आरोप है। करीब दस वर्ष पुराने मामले में ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की है।
करीब दस वर्ष पुराने मामले में ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की है। तब आरोपी कानपुर की गोविंद नगर एचडीएफसी शाखा में बैंक मैनेजर था। केस में यह पहली गिरफ्तारी है। ईओडब्ल्यू एसपी बाबूराम ने बताया कि सचिन वोहरा नाम के शख्स ने 2011 में बैंक ऑफ बड़ौदा अनवरगंज शाखा से 4 लाख 24 हजार रुपये का कार लोन पास कराया।
उसके बाद गोविंद नगर एचडीएफसी शाखा (HDFC Bank )में एक खाता खुलवाया। पूरी रकम की चेक यहां से कैश करवा ली। फिर नकदी निकाल ली। कुछ दिन बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर बदले तो ये फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। पता चला कि सचिन वोहरा ने कोई कार खरीदी ही नहीं। जिस कंपनी से कार खरीदने का दावा किया गया था उस नाम की कोई कंपनी शहर में है ही नहीं।
तब बैंक मैनेजर ने अनवरगंज थाने में तत्कालीन बीओबी के बैंक मैनेजर, सचिन वोहरा, गारंटर और एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank ) गोविंद नगर शाखा के बैंक मैनेजर वैभव श्रीवास्तव पर एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर हुई थी।
एसपी ने बताया कि जांच में स्पष्ट हुआ कि वैभव श्रीवास्तव ने सचिन वोहरा के फर्जी दस्तावेजों पर उसका खाता खोल दिया था। बिना सत्यापन किए लोन की रकम खाते में ट्रांसफर कर दी। इसलिए वैभव को दोषी बनाया था। रविवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने वैभव को लखनऊ से गिरफ्तार किया। वैभव लखनऊ ( Lucknow) के गोमती नगर विकास खंड का रहने वाला है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस कर्मियों ने गिरफ्तारी करने के बाद उसे तत्काल दाखिल करके कोर्ट में पेश किया और वहां से जेल भेज दिया गया।