Friday, September 20, 2024

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Tamil Nadu:रिटायरमेंट पर डीजीपी प्रतीप वी फिलिप ने पहनी राजीव गांधी हत्याकांड वाली खून के धब्बों से सनी कैप और बैज

Retiring DGP Prateep Philip wears bloodstained cap and badge, evidence in Rajiv Gandhi assassination

 (  )  के पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) प्रतीप वी फिलिप ( Prateep V Philip ) ने नौकरी के आखिरी दिन खून के धब्बों वाली कैप और बैज पहना, जो उन्होंने 30 साल पहले राजीव गांधी हत्याकांड के समय पहना हुआ था।

साल 1991 की चुनावी रैली के दौरान हुए आत्मघाती हमले में घायल हुए प्रतीप वी फिलिप ( Prateep V Philip )को रिटायरमेंट से दो-दिन पहले चेन्नई की अदालत ने बतौर सबूत जमा ये दोनों चीजें लेने की अनुमति दी थी।फिलिप ने कहा 34 साल की सेवा के समापन पर यह टोपी और बैज पहनना उस आघात, जोश, कानून, उदासी जैसी भावनाओं का प्रतीक है, जिससे मैं गुजरा।

विशेष जांच दल ने घटनास्थल से सबूत के तौर पर उनकी टोपी और बैज को इकट्ठा किया था और दोनों निचली अदालत की कस्टडी में थे। अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले फिलिप ने फर्स्ट अडिशनल सेशन्स कोर्ट से टोपी और बैज देने का अनुरोध किया था क्योंकि ये उनके लिए ‘बहुत ही भावनात्मक महत्व’ के थे। प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश चंद्रशेखरन की अदालत ने 28 सितंबर को एक लाख रुपये के मुचलके पर ये चीजें अंतरिम रूप से लेने की इजाजत दे दी और आदेश दिया कि उद्देश्य पूरा होने के बाद 28 अक्टूबर से पहले ये चीजें अदालत को लौटा दी जाएं।

फिलिप ( Prateep V Philip )ने कहा कि वह 21 मई, 1991 की श्री पेरम्बदूर की भयावह  घटना के अनुभवों पर किताब लिखेंगे, जिसमें लिट्टे की आत्मघाती हमलावर ने आत्मघाती हमला कर 14 अन्य लोगों की जान ले ली थी। फिलिप उस वक्त कांचीपुरम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थे और विस्फोट में बच गए थे, जिसमें राजीव गांधी और अन्य की मौत हो गई थी।

फिलिप की उम्र उस समय 30 साल थी। उनकी तैनाती कांचीपुरम जिले के एएसपी के रूप में थी। गांधी की सुरक्षा में लगे पुलिस दस्ते में वह भी शामिल थे।

फिलिप (Prateep V Philip   )का कहना है कि 19 मई को, आयोजनकर्ताओं ने वेन्यू बदल दिया। फिलिप ने इसपर आपत्ति जताई मगर आयोजक जिद पर अड़े थे। फिलिप दो दिन की छुट्टी के बाद कोच्चि से लौटे थे। वहां वह अपनी नवजात बच्ची को पहली बार देखने गए थे जो 11 मई को जन्मी थी।

फिलिप को याद कि राजीव गांधी एक सफेद कुर्ता पहनकर बुलेटप्रूफ कार से निकल रहे थे। फिलिप एक लाठी के जरिए भीड़ कंट्रोल कर रहे थे। उन्होंने महिलाओं पर काबू के लिए दो महिला अधिकारियों को लगाया।

आगे बात करते हुए फिलिप ने बताया कि वह आगे चल रहे थे। जब उन्होंने मुड़कर देखा तो राजीव महिलाओं के एक समूह से घिरे हुए थे। धानु नाम की हमलावर ने राजीव के पैर छूने का नाटक करते हुए विस्फोटकों से लदी बेल्ट उड़ा दी। उस हमले में राजीव समेत कुल 16 लोग मारे गए। फिलिप और करीब 45 और लोग बुरी तरह घायल हुए। जब उनको होश आया तो उनके मुंह पर खून था और तरफ का मंजर काफी भयानक था।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.