पश्चिम बंगाल से उज्जैन( Ujjain ) के इस्कॉन मंदिर ( ISKCON Temple ) आए 17 वर्षीय किशोर विकास ने घर लौटने से दो दिन पहले आत्महत्या कर ली। उसने ऐसा क्यों किया, इसका कारण साफ नहीं हो सका है। वह 27 अक्टूबर को कोलकाता लौटने वाला था।
दरअसल, अपने दोस्त के साथ पश्चिम बंगाल के कोलकाता (जलपाई गुड़ी) से उज्जैन इस्कॉन मंदिर ( ISKCON Temple )आए 17 वर्षीय विकास ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह अपने दोस्त पतलू सरकार के साथ 10 अक्टूबर को इस्कॉन मंदिर, उज्जैन आया था। वह मंदिर में ही रह रहा था। सोमवार सुबह जल्दी उठा। भगवान की आरती में शामिल हुआ। सुबह 9 बजे मृदंग बजाया और इसके बाद फांसी लगा ली।
इस्कॉन मंदिर ( ISKCON Temple ) में मृदंग बजाकर उसकी धुन पर नाचने वाले युवा अनुयायी विकास बर्मन ने आत्महत्या कर ली। वो कोलकाता के पास जलपाईगुड़ी का रहने वाला था। यहां 15 दिन के लिए आया था। विकास 27 अक्टूबर को वापस लौटने वाला था, लेकिन इसके दो दिन पहले सोमवार को ही उसने सुसाइड कर लिया। सुसाइड के कारणों का पता नहीं चला है। बुधवार सुबह तक परिजन कोलकाता से उज्जैन आ जाएंगे।
विकास बर्मन मृदंग बजाने में माहिर था। उसके साथी भी उसकी धुन पर नाचते थे। वह जिस गमछे को पूजा में इस्तेमाल करता था, उसी को फंदा बनाकर लटक गया। उसके माता-पिता भी कई साल से इस्कॉन के अनुयायी हैं और अपने बेटे को भी उन्होंने इसमें आगे बढ़ने के लिए उज्जैन भेजा था।

विकास बाकी युवा अनुयायियों की तरह रोजाना सुबह 4.30 बजे उठकर दिनचर्या शुरू कर देता था। सुबह 7 बजे आरती में आना होता है। सोमवार सुबह भी वह रोजाना की तरह सुबह की मंगला आरती में शामिल हुआ और उसने मृदंग भी बजाया। इसके बाद सुबह 9 बजे उसने नाश्ता लिया। इसके बाद से ही वह गायब हो गया।
जब दोपहर के खाने पर वह नहीं आया तो साथियों को चिंता हुई। दोपहर 3.30 बजे साथी ढूंढ़ते हुए ऑडिटोरियम पहुंचे। एक साथी ने बताया कि ऑडिटोरियम का ऊपरी हॉल खाली रहता है। वहां भी देख लेते हैं। जब सभी लोग वहां पहुंचे तो विकास फंदे पर लटकता हुआ मिला। इस आधार पर माना जा रहा है कि विकास बर्मन ने सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सुसाइड किया था।
इस्कॉन मंदिर का ऑडिटोरियम पूरी तरह से एक तरफ बना हुआ है। यह बीच की बिल्डिंग के सबसे ऊपर तीसरी मंजिल पर बना है। विकास ने इस स्थान को इसीलिए चुना, क्योंकि यहां किसी का आना-जाना नहीं है। इस्कॉन के प्रवक्ता राघव पंडित दास ने बताया कि यहां पहले छात्र रहते थे, जिन्हें अब बैंक कॉलोनी में शिफ्ट कर दिया गया है। इसलिए यह जगह पूरी तरह खाली ही रहती है।