प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केदारनाथ धाम (Kedarnath ) पहुंचे हैं। उन्होंने यहां गर्भगृह में करीब 15 मिनट तक पूजन किया, फिर मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य के हाल ही में बने समाधि स्थल पर शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। ये प्रतिमा 12 फुट लंबी और 35 टन वजनी है। इसके बाद ‘जय बाबा केदार’ के उद्घोष के साथ पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 2013 में केदारनाथ में आई तबाही को याद किया। उन्होंने ये भा कहा कि अगला दशक उत्तराखंड का है। यहां पर्यटन काफी बढ़ने वाला है।
उन्होंने कहा कि यह भारत की संस्कृति की व्यापकता का आलौकिक दृश्य है। उन्होंने देश के सभी साधु-संतों को प्रणाम किया। कहा कि भारत की महान ऋषि परंपरा है। कहा सभी का नाम लूंगा तो एक हफ्ता लग जाएगा। मैं यहां जब भी आता हूं कण-कण से जुड़ जाता हूं। कहा कि गरुड़चट्टी से मेरा पुराना नाता है। कहा कि गाेवर्धन पूजा के दिन मुझे केदारनाथ दर्शन का सौभाग्य मिला है। केदारनाथ (Kedarnath )में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। 2013 की आपदा के दौरान मैंने यहां की तबाही को अपनी आंखों से देखा था। इस दौरान केदारनाथ आपदा को याद कर प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए। कहा कि बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी कि ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ ‘शं करोति सः शंकरः’ यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया। उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे। आदि शंकराचार्य का जीवन भारत और विश्व कल्याण के लिए था। आज आप श्री आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुन: स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। यह भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बह़त अलौकिक दृश्य है। कहा कि जात-पात के भेदभाव से हमारा कोई सरोकार नहीं है। एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था। लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ समग्र तरीकेमें देखता है। आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया है।
प्रधानमंत्री मोदी कहा कि मैंने जो पुनर्निर्माण का सपना देखा था वो आज पूरा हो रहा है। जो कि सौभाग्य की बात है। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं।
पीएम ने कहा, ‘कहा जाता था कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती। मैंने यह तय किया कि यहां का पानी और जवानी दोनों पहाड़ के काम आएगी। उत्तराखंड से पलायन को रोकना है। अगला दशक उत्तराखंड का है। यहां पर्यटन काफी बढ़ने वाला है।’ मोदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड में चार धामों से सड़क संपर्क और हेमकुंड साहिब के पास रोपवे सहित कई बुनियादी ढांचागत कार्यों की योजना है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। कहा कि मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी का और इन कामों की जिम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूं। उन्होंने केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकोंं का भी धन्यवाद किया। बर्फबारी और कड़ी ठंड के बीच उनके काम की सराहना की। इस दौरान उन्होंने पुजारियों और रावल का भी आभार व्यक्त किया।
केदारनाथ धाम में पीएम ने कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। इस दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावतऔर मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।
श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के निर्माण के लिए 18 मॉडल तैयार किए गए थे। प्रधानमंत्री की सहमति के बाद इनमें से एक मॉडल को चुना गया था। कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरूण योगीराज ने इस मूर्ति को बनाया है। ब्लैक स्टोन से इसका निर्माण किया गया है। प्रतिमा के निर्माण का काम 2020 में शुरू हुआ था। 9 लोगों की टीम ने तकरीबन एक साल में इसे तैयार किया है। इस साल सितंबर महीने में मूर्ति को मैसूर से चिनूक हेलीकॉप्टर से उत्तराखंड लाया गया था।
आदि शंकराचार्य ने 32 साल की उम्र में केदारनाथ में महाप्रयाण किया था। कहा जाता है कि यह मंदिर पांडवों ने बनवाया था। बाद में नए स्वरूप में लाने का श्रेय आदि शंकराचार्य को जाता है।
Speaking at Kedarnath. Watch. https://t.co/QtCLIbRZy7
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2021
Prime Minister @narendramodi inaugurates 12-feet tall statue of Adi Guru Shankaracharya, at the Kedarnath Temple, Uttarakhand. #PMAtKedarnath pic.twitter.com/oxtZA1TjSY
— PIB India (@PIB_India) November 5, 2021