सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने शुक्रवार को कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता ( Manish Gupta ) की गोरखपुर (Gorakhpur ) के होटल में हत्या की जांच सीबीआई को सौंप दी। साथ ही शीर्ष अदालत ने ट्रायल को दिल्ली की सीबीआई अदालत स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया। 28 सितंबर को गोरखपुर के एक होटल में पुलिस छापेमारी के बाद मनीष गुप्ता की हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में आरोपी सभी छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने यह निर्देश मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता द्वारा दायर एक रिट याचिका पर दिया है। याचिका में सीबीआई जांच की मांग की गई थी और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश की बजाय दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में मुकदमा चलाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि यूपी में मुकदमा चलने से शक्तिशाली पुलिस अधिकारियों द्वारा हस्तक्षेप करने का अंदेशा है।
मनीष गुप्ता( Manish Gupta ) की कथित तौर पर गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में छह पुलिस अधिकारियों द्वारा हमला किए जाने के बाद मौत हो गई थी, जहां वह अपने दो दोस्तों के साथ ठहरे थे।मनीष ( Manish Gupta )की पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि उनके पति की पिटाई की गई और फिर पिटाई कर पति को मार डाला।
याचिका में पत्नी मीनाक्षी ने कहा था कि होटल में घुसकर पुलिस अधिकारियों ने उसके पति को बुरी तरह से मारा पीटा था, जिससे उनकी मौत हो गई। याचिका में पत्नी ने कहा था कि वह मामले में एसआईटी जांच से संतुष्ट नहीं हैं और सीबीआई जांच की जानी चाहिए। पत्नी का कहना था कि यूपी सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी लेकिन अभी तक मामले में प्रगति नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस याचिका पर केंद्र सरकार और यूपी सरकार से नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।