महाराष्ट्र (Maharashtra ) में इतिहासकार और लेखक बाबासाहेब पुरंदरे ( Babasaheb Purandare )का सोमवार सुबह पुणे( Pune ) के दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल में निधन हो गया। वे 99 वर्ष के थे। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, पुरंदरे को शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बाद में हालात गंभीर होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। इसके बाद से ही उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सका।
बताया गया था कि बाबासाहेब पुरंदरे ( Babasaheb Purandare )अपने घर में बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था। उनके निधन की खबरों के बाद देशभर में उनके चाहने वालों ने शोक व्यक्त किया है।
बाबासाहेब पुरंदरे ( Babasaheb Purandare )देश के लोकप्रिय इतिहासकार-लेखक रहने के साथ थिएटर कलाकार भी रह चुके थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपने विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। बाबा पुरंदरे ने शिवाजी के जीवन से लेकर उनके प्रशासन और उनके काल के किलों पर भी कई किताबें लिखीं। इसके अलावा उन्होंने छत्रपति के जीवन और नेतृत्व शैली पर एक लोकप्रिय नाटक- जानता राजा का भी निर्देशन किया था।
अपनी लेखनी के जरिये छत्रपति शिवाजी महाराज के चरित्र को महाराष्ट्र के घर घर तक पंहुचाने का श्रेय बाबा साहेब पुरंदरे को जाता है, साथ ही उन्हें देश-विदेश में शिव चरित्र पर दिए गए व्याख्यानों के लिए भी जाना जाता है।उन्होंने शिव चरित्र पर 12 हजार से ज्यादा व्याख्यान दिए थे।
बाबासाहेब पुरंदरे ( Babasaheb Purandare ) ने अपना जीवन इतिहास और शोध के लिए समर्पित कर दिया है। उन्हें 2019 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण और 2015 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बाबासाहेब पुरंदरे को श्रद्धांजलि दी है। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा,कि कई किला प्रेमियों, इतिहासकारों, पर्वतारोहियों, लेखकों, वक्ताओं, शोधकर्ताओं, निर्देशकों, अभिनेताओं, कवियों, फोटोग्राफरों और सेट डिजाइनरों को बनाने वाले बाबासाहेब का योगदान सचमुच आश्चर्यजनक है।
Maharashtra | Notable Historian and author Babasaheb Purandare passes away at Deenanath Mangeshkar Hospital of Pune around 5 am this morning
— ANI (@ANI) November 15, 2021
अनेक दुर्गप्रेमी, इतिहास अभ्यासक, गिर्यारोहक, लेखक, वक्ते, संशोधक, दिग्दर्शक, अभिनेते, कवी, छायाचित्रकार, नेपथ्यकार घडवणाऱ्या बाबासाहेबांचे योगदान अक्षरशः थक्क करायला लावणारे असेच आहे.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) November 15, 2021