यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड (UP Shia Central Waqf Board )के चेयरमैन पद पर अली जैदी( Ali Zaidi )को सोमवार को निर्विरोध चुना गया। बोर्ड के पूर्व चेयरमैन व सदस्य वसीम रिजवी और सैयद फैजी ने चुनाव का बहिष्कार किया। दोनों सदस्य चुनाव में शामिल नही हुये। बोर्ड के आठ में छह सदस्यों अपने बीच से चेयरमैन का ध्वनि मत से चुनाव किया।
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पद के लिये बापू भवन सचिवालय के चतुर्थ तल स्थित प्रमुख सचिव समाज कल्याण एव अल्पसंख्यक कल्याण व वक्फ विभाग के सभागार में निर्वाचन किया गया। शिया वक्फ बोर्ड के सभी आठ सदस्यों पूर्व सांसद बेगम नूर बानों उर्फ महताब जमानी अली खान, अधिवक्ता मोहम्मद जरयाब जमाल रिजवी, अधिवक्ता शबाहत हुसैन, सैयद वसीम रिजवी, सैयद फैजी, अली जैदी, मौलाना रजा हुसैन, डा. नरुस हसन नकवी को चेयरमैन का चुनाव करने के लिये आमंत्रित किया गया था।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के विशेष सचिव शिवाकान्त द्विवेदी ने शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पद के निर्विचन में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन व सदस्य वसीम रिजवी और दूसरे सदस्य सैयद फैजी शामिल नही हुये। उन्होंने बताया कि चेयरमैन पद के लिये समाजसेवा कोटे से नामित अली जैदी ( Ali Zaidi )के मुकाबले में किसी भी दूसरे सदस्य ने दावा पेश नही किया। ऐसे में सभी छ सदस्यों ने अली जैदी को ध्वनिमत से बोर्ड के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुन लिया।
जानकारों की माने तो आठ सदस्यी वक्फ बोर्ड के सदस्यों को नामित करने में इस बार शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद की पसंद को तरजीह दी गई। सरकार की ओर से नामित किये गये पांच सदस्य मौलाना जवाद की पसंद के ही हैं। ऐसे में पहले से ही तय माना जा रहा था कि बोर्ड के चेयरमैन की कुर्सी पर मौलाना जवाद की पसंद को ही मौका मिलेगा। शिया वक्फ बोर्ड के नवनिर्वाचित चेयरमैन अली जैदी ( Ali Zaidi ) मौलाना कल्बे जवाद के रिश्ते में दामाद हैं।
प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने मौलाना कल्बे कल्बे जवाद के दामाद और बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष अली जैदी को बधाई देते हुए इसको भाजपा की नीतियों की जीत बताया। रजा ने कहा कि भाजपा और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकारी की जीरो टॉलरेंस की नीति की जीत है।पिछले चुनाव के बाद बोर्ड में शिया समुदाय के साथ अन्याय हुआ था लेकिन अब न्याय होगा।