समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सपा नेता रामगोपाल यादव की पुस्तक ‘राजनीति के उस पार’ के विमोचन कार्यक्रम में मौजूद थे। इसमें कवि कुमार विश्वास , सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोग मौजूद थे। सभी ने अपना संबोधन दिया। इसी दौरान मुलायम सिंह ने कवि कुमार विश्वास ( Kumar Vishwas ) से कहा कि अगर वो किसी दल में नहीं हैं तो समाजवादी पार्टी में आ जाएं। ये बात मुलायम ने वरिष्ठ कवि उदय प्रताप के कान में कही। जिसे उदय प्रताप ने सभी को मंच से बता दिया। इसे सुनते ही पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा।
कुमार विश्वाास( Kumar Vishwas ) ने अपने भाषण में कहा था कि मैं भी राजनीति में आया पर मेरे साथ वाले आगे बढ़ गए और अब मैं किसी भी दल में नहीं हूं जिस पर मंच पर बैठे मुलायम ने कुमार को सपा में शामिल करने की बात कवि उदय प्रताप से कही।
मुलायम सिंह ने अपने भाषण में कहा कि आपसी एकजुटता से ही देश व समाज का विकास होता है। जब-जब चुनौती आई है सभी एकजुट हुए हैं। समाज का हर एक वर्ग एकजुट हो तभी विकास संभव हो पाता है। वह सपा नेता रामगोपाल यादव की पुस्तक ‘राजनीति के उस पार’ के विमोचन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में महंगाई और किसानों के मुद्दों के सवालों पर एकजुट हों। देश के सवाल को लेकर आगे बढ़ें। संकल्प लें ताकि अमन चैन कायम हो। देश से बड़ा कोई नहीं है। युवा इसी तरह एकजुट रहें तभी कल्याण होगा। उत्तर प्रदेश का बहुत महत्व है। यूपी से ही देश समाज की तस्वीर बदलेगी।
इस दौरान कुमार विश्वाास( Kumar Vishwas ) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बगैर निशाना साधा और अखिलेश की तारीफें कीं। कहा कि मैं जिसे बसाकर आया था, उन्होंने भगा दिया और दूसरे लोग सोच रहे हैं हमारे पास आ जाए।कुमार विश्वाास ने कहा कि अखिलेश यादव से कहूंगा कि लड़े संघर्ष करें, देश को आपकी जरूरत है। देश में जो चल रहा है वह चिंताजनक है। यहां गुस्से का ताप कम होने की जरूरत है। इस मिट्टी की तासीर ऐसी है कि कभी ज्यादा नफरत सहन नहीं करती।
कवि कुमार विश्वास ने चुटकी भरे अंदाज में कहा कि मैं सभागार में हूं और इसकी चर्चा बाहर बहुत है। मुझसे एक पत्रकार ने पूछा कि आप सपा के कार्यक्रम में, ये अजीब नहीं है। मैंने जवाब दिया कि लोकतंत्र में ऐसा ही होता था, मगर आजकल अलग है। मुलायम सिंह हमारे लिए एक इमोशन हैं। आने वाले समय में चर्चा होगी कि हम उस समय राजनीति देख रहे थे, जब मुलायम सिंह थे।
कुमार विश्वास ने मुलायम सिंह यादव की तारीफ की। कहा कि नेताजी जब मंच पर आए तो उन्हें ये चिंता नहीं थी मंच पर कौन है? मंच के नीचे जनता का अभिवादन किया। इशारों में कुमार विश्वास ने कांग्रेस-भाजपा पर तंज कसा। कहा कि कवियों को सुनना सीखिए, जिन्होंने नहीं सुना वो आज कुछ सुनाने लायक नहीं है। ये कांग्रेस के लोग मान अपमान नहीं भूलते। यहां हम और प्रमोदजी ही ब्राह्मण हैं। एक दूसरे को सुना लेते हैं। तारीफ सुनकर गदगद हुए मुलायम सिंह यादव ने कुमार विश्वास के सामने सपा में शामिल होने का प्रस्ताव रख दिया। कहा कि कुमार विश्वास को सपा जॉइन करना चाहिए।
मेरे प्यारे, जिस पुस्तक का मैंने विमोचन किया उसका शीर्षक “ राजनीति के पार” स्वयं में ही सूचना है?।प्रो रामगोपाल जी के पचहत्तर-उत्सव में तो कांग्रेस, वामपंथ, दक्षिणपंथ से लेकर नए नौनिहाल दलों तक के नेता सम्मिलित थे??
बस मैं और @proframgopalya1 जी की किताब ही “राजनीति के पार” थे? https://t.co/73ueNl1GZl— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 23, 2021