सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने कानून-व्यवस्था को लेकर त्रिपुरा में स्थानीय निकाय चुनावों( Tripura municipal elections ) को टालने से इनकार कर दिया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव को टालना किसी भी लोकतंत्र में सबसे अंतिम कदम है और हम इसके खिलाफ हैं। अगर हम ऐसा करते हैं तो इससे एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी। इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) ने अदालत में याचिका दाखिल की थी।
त्रिपुरा की कानून-व्यवस्था पर तृणमूल कांग्रेस की ओर से दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने मंगलवार को सुनवाई की। टीएमसी ने अपनी अर्जी में दावा किया था कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव ( Tripura municipal elections )से पहले कानून-व्यवस्था की हालत ‘बदतर’ हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस को मतदान सुनिश्चित करने और सुचारू रूप से परिणाम घोषित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनाव प्रचार 23 नवंबर को शाम 4:30 बजे समाप्त हो गया , इसके बाद 25 को मतदान और 28 दिसंबर को मतगणना होगी। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य पुलिस को राजनीतिक दल की शिकायतों के निवारण के लिए एक समान और गैर-पक्षपाती तरीके से कार्य करने का निर्देश जारी किया।
बता दें कि त्रिपुरा में 25 नवंबर को अगरतला नगर निगम (एएमसी) और 12 अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले यहां हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। तृणमूल ने राज्य में कानून व्यवस्था का और अपने नेताओं पर हमले के आरोप लगाए हैं।
Tripura municipal elections: Supreme Court observes that postponing elections is an extreme thing to order in a democracy and we are averse to it.
If we do it then it will set a wrong precedent, says Supreme Court, adding that postponing the elections is the last resort pic.twitter.com/wxLlu9oRcK
— ANI (@ANI) November 23, 2021