Friday, April 18, 2025

Books, INDIA, News, Socio-Cultural, Uttar Pradesh

देश का विभाजन न मिटने वाली वेदना, विभाजन रद्द करके ही मिटेगा दर्द: मोहन भागवत

Mohan Bhagwat calls partition an unending agony which will end only with reintegration of India

  (आरएसएस) के सर संघचालक   ( Mohan Bhagwat)ने कहा कि देश का विभाजन न मिटने वाली वेदना है। यह तभी मिटेगी, जब विभाजन निरस्त होगा। भारत एक जमीन का टुकड़ा नहीं हमारी मातृभूमि है। संपूर्ण दुनिया को कुछ देने लायक हम तब होंगे जब विभाजन निरस्त होगा।

 मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat)ने कहा कि  मेरा जन्म विभाजन के बाद हुआ, इस बात को समझने में बचपन के कुछ साल और लगे। मैंने काफी अध्ययन के बाद समझा कि जिस मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए कई बलिदान हुए उसका विभाजन हुआ। भारत एक जमीन का टुकड़ा नहीं हमारी मातृभूमि है। संपूर्ण दुनिया को कुछ देने लायक हम तब होंगे जब विभाजन हटेगा। यह राजनीति नहीं हमारे अस्तित्व का विषय है।

वह के  सेक्टर-12 स्थित भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। विद्यालय में आयोजित लोकार्पण समारोह में उन्होंने लेखक कृष्णानंद सागर द्वारा लिखित एवं जागृति प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ का विमोचन किया।

उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन के पीछे कुछ परिस्थितियां जरूर थी लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण इस्लाम और ब्रिटिश आक्रमण ही था। उन्होंने कहा कि गुरु नानक जी ने हमें इस्लाम के आक्रमण को लेकर चेतावनी दी थी लेकिन हम सचेत नहीं हुए थे।

उन्होंने कहा कि इस विभाजन से कोई भी खुश नहीं है और न ही ये किसी संकट का उपाय था। अगर हम विभाजन को समझना चाहते हैं तो इसे समय के साथ समझना होगा। संघ प्रमुख ने आगे कहा कि जो बिखर गया था उसे एकीकृत करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।

इस दौरान  डॉ. मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat) ने कहा कि यह राजनीति नहीं हमारे अस्तित्व का विषय है। इससे किसी को सुख नहीं मिला। भारत की प्रवृत्ति विशिष्टता को अपनाने की है। अलगाव की प्रवृत्ति वाले तत्वों के कारण देश का विभाजन हुआ। हम विभाजन के दर्दनाक इतिहास का दोहराव नहीं होने देंगे। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कैसे देश टूटा, उस इतिहास को पढ़कर आगे बढ़ना होगा। विभाजन के बाद भी दंगे होते हैं। दूसरों के लिए भी वही आवश्यक मानना जो खुद को सही लगे, यह गलत मानसिकता है। अपने प्रभुत्व का सपना देखना गलत है। राजा सबका होता है। सबकी उन्नति उसका धर्म है।

हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत है। हमारी संस्कृति विविधता में एकता की है, इसलिए हिंदू यह नहीं कह सकता कि मुसलमान नहीं रहेंगे। अनुशासन का पालन सबको करना होगा। अशफाक उल्ला खान जैसे क्रांतिकारी जन्नत की जगह भारत में दोबारा जन्म की चाह रखते थे। अत्याचार को रोकने के लिए बल के साथ सत्य आवश्यक है।

लेखक कृष्णानंद सागर ने कहा कि उनकी पुस्तक विभाजन के दौर में हुए षड्यंत्रों पर आधारित है। उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शंभू नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि इतिहास को बदलकर प्रस्तुत किया गया है। विभाजन के दौर में भारी नरसंहार हुआ। इसके लिए पाकिस्तान पर मुकदमा होना चाहिए। यह पुस्तक इतिहास के कई पक्षों को उजागर करेगी।

कार्यक्रम के दौरान विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के महामंत्री श्रीराम आरावकर, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सदस्य सचिव कुमार रत्नम,  सांसद डा महेश शर्मा,  भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर के अध्यक्ष सुशील कुमार जैन, रमन चावला, जागृति प्रकाशन के समन्वयक योगेश शर्मा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

https://platform.twitter.com/widgets.js

https://platform.twitter.com/widgets.js

Raju Upadhyay

Raju Upadhyay is a veteran journalist with experience of more than 35 years in various national and regional newspapers, including Sputnik, Veer Arjun, The Pioneer, Rashtriya Swaroop. He also served as the Managing Editor at Soochna Sahitya Weekly Newspaper.