Sunday, April 20, 2025

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Uttar Pradesh : सात साल की मशक्कत के बाद लखनऊ चिड़ियाघर में इज़राइल से लाये गये जेब्रा की एक दिन बाद ही मौत

Zebra brought from Israel to Lucknow Zoo after seven years of effort dies a day later

Zebra brought from Israel to Lucknow Zoo after seven years of effort dies a day later  ( ) से लखनऊ चिड़ियाघर ( Lucknow Zoo ) में लाए गए तीन जेब्रा में से एक की मौत महज 36 घंटे के भीतर हो गई। जेब्रा की मौत ऐसे वक्त पर हुई, जब सोमवार को शताब्दी समारोह मनाया जाना है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहेंगे। जेब्रा की मौत को लेकर जू प्रशासन दिनभर मामला दबाता रहा, जबकि शाम को प्रकरण बढ़ने पर मौत की सूचना को सार्वजनिक किया।

इजराइल से नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान ( Lucknow Zoo ) में तीन जेब्रा लाए गए थे। उन्हें इजरायल से आबूधाबी होते हुए नई दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया, जहां से सड़क मार्ग के जरिए उन्हें गुरुवार रात करीब आठ बजे लखनऊ जू लाया गया। इसमें दो मादा व एक नर जेब्रा था।

जू प्रशासन ने उन्हें चिकित्सकों और दो कीपर की निगरानी में क्वारंटीन किया था। लेकिन लखनऊ आने के 36 घंटे के भीतर ही नर जू की मौत हो गई। दरअसल, शनिवार सुबह से ही जेब्रा की हालत खराब थी। जिसे लेकर जू प्रशासन ने जिराफ बाड़े तक तीनों सड़क मार्गों को बंद कर हरे पर्दे लगा दिए थे और जेब्रा के बाड़े की ओर लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

प्राणी उद्यान ( Lucknow Zoo ) के निदेशक आरके सिंह ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बाड़े में तीनों जेब्रा भड़क गये, जिसमें से एक नर जेब्रा के सिर और गर्दन में गंभीर अंदरूनी चोट लग गई।  चिकित्सकों ने इजराइल के जेब्रा विशेषज्ञों से भी परामर्श किया। पर, सुबह 11.30 बजे जेब्रा की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत की वजह ट्रॉमाटिक शॉक से कार्डियक रेस्पीरेटरी फेलियर होना बताया गया है।

बाड़े से सटे उल्लू और मछली घर को भी सुबह से बंद कर दिया गया था। सूत्रों की मानें तो सुबह से ही जेब्रा की हालत खराब थी। पर, जू प्रशासन मामले को दबाता रहा।वन्यजीव विशेषज्ञों की मानें तो इजराइल से लखनऊ की एरियल डिस्टेंस करीब तीन हजार किलोमीटर है। तीनों जेब्रा एक ही बॉक्स में लाए गए। जिसमें उनके खानपान की बेहतर व्यवस्था थी। लेकिन आने केदौरान किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई। बाड़े में उतरने के बाद अचानक जेब्रा के बीच हिंसक संघर्ष हुआ, जिसमें एक की मौत हो गई। इस थ्योरी पर विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि जू प्रशासन को जेब्रा बाड़े की जगह अस्पताल में रखने चाहिए थे।

वर्ष 2018 में गेंडा लोहित की मौत हुई थी। जबकि वर्ष 2019 में हुक्कू बंदर कालू की तथा अप्रैल 2021 में मादा हिप्पो आशी की मौत हो गई थी। वहीं 2015 में जेब्रा बंकित की मौत हो गई थी। ऐसे ही एक के बाद लखनऊ जू के वन्यजीवों की मौत होती रही है।

 

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels