Sunday, April 20, 2025

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Uttarakhand :पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं को उपाधियां और पदक किये प्रदान , 1410 विद्यार्थियों को मिली उपाधि

President Kovind attends first convocation ceremony of Patanjali University in Haridwar

President Kovind attends first convocation ceremony of Patanjali University in Haridwar  ( )  में पतंजलि विश्वविद्यालय ( Patanjali University ) के प्रथम दीक्षांत समारोह में  के हाथों से सफलता के उपाधि मिलते ही सैकड़ों छात्रों के चेहरे खिल उठे। 1410 विद्यार्थियों को उपाधियों और स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। खचाखच भरा सभागार शाबासी की तालियों से गूंज उठा। इस दौरान छात्रों के चेहरे पर सफलता और अतिथियों के चेहरे पर खुशी की चमक साफ दिखाई दे रही थी।

रविवार को पतंजलि विश्वविद्यालय ( Patanjali University ) के प्रथम दीक्षांत समारोह के लिए सभागार को पूरी तरह से पारंपरिक सनातनी रंग में रंगा गया था। राष्ट्रपति के सभागार में पहुंचने से पहले वहां देशभक्ति के गीतों की धुन बजती रही।

राष्ट्रपति के मंच पर पहुंचने के बाद राष्ट्रगान की धुन बजाई गई और सभी लोग अपने स्थानों पर खड़े हो गए। इसके बाद विवि की छात्रों ने पतंजलि का कुल गीत गाया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाया और सभी मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया।

इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्र-छात्राओं को उपाधियां और पदक बांटने शुरू किए। विश्वविद्यालय के छात्रों ने हल्के बादामी व क्रीम कलर की धोती और कुर्ता, छात्राओं ने इसी रंग की साड़ी और  कुर्ता पहना था।

छात्र-छात्राओं ने भगवा रंग की पगड़ी पहनी थी। सनातनी रंग में रंगे छात्रों को जब राष्ट्रपति ने अपने हाथों से उपाधि देकर सम्मानित किया तो वह भावविभोर दिखाई दिए। कार्यक्रम में 700 छात्रों को स्नातक उपाधि से सम्मानित किया गया। जिसमें बीए योग विज्ञान में  473, बीएससी योग विज्ञान में 142, शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद (बीपीईएस) में 20, बीए दर्शन में 12, बीए व्याकरण में 53 छात्र शामिल थे।

620 छात्रों को स्नातकोत्तर उपाधि दी गई, जिसमें एमए योग विज्ञान के 354, एमएससी योग विज्ञान के 191, एमए मनोविज्ञान के 28, एमए दर्शन के 23, एमए संस्कृत साहित्य के 21, एमए संस्कृत व्याकरण के 3 छात्र शामिल थे। 1 छात्र को विशिष्ट आचार्य उपाधि (एमफिल) और 11 छात्रों को (पीएचडी) की उपाधि से भी सम्मानित किया गया। 78 छात्रों  को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

इस मौके पर पतंजलि विश्वविद्यालय ( Patanjali University ) के कुलाधिपति    (  )  कहा कि अब इन बच्चों की श्रृंखला प्रारंभ हो गई है। अब हमें विश्व विजेता के पुरोधा बनकरभारत माता का मान बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि यह छात्र गुरुकुल शिक्षा परंपरा से पढ़े हैं, जिस पर लोग बड़ा प्रश्न खड़ा करते थे, इसका उपहास उड़ाते थे। लेकिन वही शिक्षा व्यवस्था आज सैकड़ों छात्र-छात्राओं तैयार कर रही है। इन बच्चों को उपाधि देकर उन्हें अपनी शिक्षा पर गौरव की अनुभूति हो रही है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने अंदर से संकल्प लें कि विश्व पटल पर भारत माता का शीश ऊंचा करना है। पतंजलि विश्वविद्यालय का यह बीज रूप है। आने वाले समय में पतंजलि ग्लोबल पतंजलि यूनिवर्सिटी बनेगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी होगी, जहां 1 लाख से अधिक छात्र सभी विषयों में ज्ञान हासिल करेंगे। पतंजलि विश्वविद्यालय व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। भविष्य में पतंजलि भारतीय शिक्षा बोर्ड बनाने जा रहा है। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आएगी।

पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि 2006 में इस विवि की स्थापना हुई थी, जो आज योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, दर्शन, संस्कृत, अंग्रेजी, पर्यटन, प्रबंधन, आधुनिक विज्ञान व अनुसंधान के माध्यम के साथ विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। योग व आयुर्वेद आने वाले भविष्य का मूल है। पतंजलि विश्वविद्यालय देश व विदेश में सभी पांडुलिपियों का संरक्षण व लेखन प्रकाशन पर सर्वाधिक कार्य कर रही है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels