Sunday, April 20, 2025

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कृषि कानून वापसी बिल पर संसद की मुहर, अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तीनों कानून हो जायेंगे रद्द

Parliament passes bill to cancel three farm laws

Parliament passes bill to cancel three farm lawsसोमवार को के शीतकालीन सत्र का पहला दिन था और पहले ही दिन ही तीनों नए   (   ) की वापसी पर संसद ने मुहर लगा दी। विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच विवादस्पद कानून की वापसी का विधेयक संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो गया। विपक्ष कृषि कानूनों की वापसी वाले विधेयक पर चर्चा कराने पर अड़ा था। लेकिन सरकार इस पर राजी नहीं हुई और आनन-फानन में यह विधेयक दोनों सदनों से पारित करा लिया गया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और इसी के साथ तीनों कानून समाप्त हो जाएंगे।

सोमवार को देर रात ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसे अपनी मंजूरी दे सकते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के रणनीतिकारों को 7 दिसंबर तक किसानों के खेत खलिहानों की तरफ लौट जाने की उम्मीद है।

सूत्रों ने बताया कि सत्र की शुरुआत से पहले जब बिजनेस एडवाजरी कमिटी की बैठक हुई थी तब विपक्षी दलों ने एकमत से सरकार से यह मांग की थी कृषि कानून वापसी वाले विधेयक पर चर्चा कराना जरूरी है। क्योंकि पीएम के कहने के बाद भी किसानों ने आंदोलन वापस नहीं लिया है और उनके कई मुद्दे जस के तस हैं। लिहाजा सरकार को इस पर चर्चा करानी चाहिए। विपक्ष इस पर चर्चा कराने को एकमत था, लेकिन सरकार ने किसी की नहीं सुनी। सरकार ने यह विधेयक जैसे पारित कराया था, उसी तरह वापस ले लिया।

लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक को चार मिनट के भीतर पारित कर दिया गया। इसे दोपहर 12:06 बजे पेश किया गया और विपक्ष की मांगों को अनसुना करते हुए 12:10 बजे पारित करा लिया गया। लोकसभा में विपक्षी नेताओं ने विधेयक पर चर्चा नहीं कराने पर आपत्ति जताई। राज्यसभा में इसे संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए। विपक्ष ने दावा किया कि सरकार किसानों की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे से बचने के लिए चर्चा कराने से डरती रही, जो किसान आंदोलन के दौरान उनकी प्रमुख मांग रही है।

मोदी सरकार पिछले साल पांच जून को तीन कृषि कानूनों (  three farm laws )को अध्यादेश के जरिए से लेकर आई थी। कोरोना काल के बीच लाए गए इस अध्यादेश को लेकर विपक्षी दलों से लेकर किसान संगठनों तक ने अभूतपूर्व विरोध किया था। इन कानूनों की वापसी के लिए ही किसान संगठन पिछले एक साल से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बैठे हैं। लगातार विरोध के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे ने तीनों कानूनों (  three farm laws )की वापसी वाले विधेयक पर चर्चा कराने के लिए सदन के नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग की थी। इस नियम के तहत उन्होंने शून्य काल और प्रश्न काल को स्थगित करके एमएसपी कानून, 700 से ज्यादा किसानों के शहीद होने पर उनके परिवार को मुआवजा देने और उनके पुर्नवास और लखीमपुरी खीरी कांड के पीड़ितों को न्याय दिलाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की थी। लेकिन ना तो खड़गे की मांगों पर गौर किया गया और ना ही वे अपनी बात पूरी रख पाए।

दूसरी तरफ सरकार के सूत्रों का कहना है कि सरकार ने इस पर चर्चा कराने की जरूरत इसलिए महसूस नहीं की क्योंकि पीएम पहले ही इस पर देश से माफी मांग चुके हैं और सारी बात साफ कर दी थी। हालांकि सत्र के शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि यह सत्र बहुत महत्वपूर्ण है और सरकार हर विषय पर चर्चा कराने को तैयार है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels