बिहार (Bihar ) के मुजफ्फपुर( Muzaffarpur ) आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद की सर्जरी ( Cataract Surgery) विफल रहने के बाद आंख गंवाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बुधवार को नौ और मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी। आंंख गंवाने वालों की संख्या बढ़कर अब 16 हो गई है। इससे पहले छह मरीजों की आंखें निकाली गई थी।
मुजफ्फपुर ( Muzaffarpur ) में घटना सामने आने के तीन दिन बाद बुधवार को सीएस ने आई हॉस्पिटल को पत्र भेजकर पीड़ितों का ब्योरा व अस्पताल से जुड़े दस्तावेज मांगे। वह भी तब जब मुख्यालय ने उनसे पूरी जानकारी तलब की। इस बीच, डीएम ने पीड़ितों को मुख्यमंत्री सहायत कोष से मुआवजा देने का एलान किया है।
बता दें कि 22 नवंबर को आई हॉस्पिटल में मुजफ्फरपुर ( Muzaffarpur )समेत आसपास के जिलों से आए मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन ( Cataract Surgery) किया गया था। तीन दिन बाद ही मरीजों की आंखों में परेशानी आनी शुरू हो गई। मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन से जब इसकी शिकायत की तो प्रबंधन ने आनन-फानन में चार लोगों की आंखें निकाल दी।बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने जब इस बारे में जानकारी मांगी तो प्रबंधन के हाथ पैर फूलने लगे। स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह सहित कई अन्य आला अधिकारियों के फोन आने के बाद सीएस डॉ. विनय कुमार शर्मा टीम के साथ अस्पताल पहुंचे।
सीएस डॉ. विनय कुमार ने कहा, ‘पूरे मामले की जांच की जा रही है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी गई है। उस जांच के अलावा भी कई बिंदुओं पर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है।स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जिला प्रशासन और सिविल सर्जन को इस मामले में आई हॉस्पिटल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। विभाग के निर्देश पर आई अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया गया है और ऑपरेशन में प्रयोग किए जाने वाले सभी उपकरणों और ऑपरेशन थियेटर से सैंपल लेकर माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में भेजा गया है।
आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने उन मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिनमें कहा गया है कि श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में छह मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। इन सभी ने मुजफ्फरपुर आई अस्पताल में 22 नवंबर को सर्जरी कराई थी। आंखों में इन्फेक्शन के कारण डॉक्टरों को सर्जरी कराने वाले और मरीजों की भी आंखें निकालनी पड़ सकती हैं। आयोग का कहना है कि ये खबरें सच हैं तो मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ है। मेडिकल प्रोटोकॉल के मुताबिक, एक डॉक्टर केवल 12 तक सर्जरी कर सकता है, लेकिन इस मामले में डॉक्टर ने 65 मरीजों की सर्जरी की। आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को भेजे नोटिस में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
मामले में जिला सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा का कहना है कि मुजफ्फरपुर के स्थानीय नेत्र अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन ( Cataract Surgery) के बाद कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। कल की जानकारी के अनुसार एसकेएमसीएच में मुजफ्फरपुर नेत्र चिकित्सालय में 4 और भर्ती 6 में से 3 रोगियों की आंखें निकलवाई गईं। ओटी से आंखों की सफाई में इस्तेमाल होने वाले लिक्विड के कल्चर के लिए सैंपल भेजा गया है। हमने ऑपरेशन का बीएसटी, डॉक्टर पैनल की जानकारी और इस बीच इलाज कराने वाले मरीजों की जानकारी मांगी है। ओटी को सील कर दिया गया है सिविल सर्जन ने बताया कि आपरेशन थिएटर में फंगल या वायरल संक्रमण के कारण मरीजों में संक्रमण फैला है।
Bihar| Multiple patients lose eyesight following cataract surgery at local eye hospital in Muzaffarpur
As per yesterday’s info, 4 patients got their eyes removed at the Muzaffarpur Eye Hospital & 3 out of 6 admitted patients,at SKMCH: District civil surgeon Dr Vinay Kumar Sharma pic.twitter.com/7O38I3LEuO
— ANI (@ANI) December 1, 2021