Saturday, April 19, 2025

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नागालैंड में सुरक्षाबलों की गोलीबारी से मरने वाले आम लोगों की संख्या बढ़कर 13 हुई, दंगों में 1 जवान शहीद, इंटरनेट सर्विस बंद

Civilians, soldier among 14 killed in firing incident in Nagaland's Mon district; Internet, SMS services suspended , SIT to probe

( Nagaland  )के मोन( Mon) जिले में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में कम से कम 13 आम नागरिकों की मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह गलत पहचान का मामला है। गोलीबारी के बाद हुए दंगे में एक सैनिक की भी मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना ओटिंग और तिरु गांव के बीच उस समय हुई जब शनिवार शाम कुछ दिहाड़ी मजदूर एक कोयला खदान से पिकअप वैन में सवार होकर घर लौट रहे थे।

उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर कथित रूप से गोलीबारी की। गुस्साई भीड़ ने जल्द ही सेना के वाहनों को मौके पर ही घेर लिया और उसके बाद हुई लड़ाई में एक सैनिक की मौत हो गई और कम से कम तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।

 बाद में स्थानीय लोगों की भीड़ के हमले में असम राइफल्स के एक सैनिक की भी मौत हो गई। रविवार को पूरा दिन तनाव बना रहने के बाद देर शाम मोन टाउन में फिर से स्थानीय लोगों की भीड़ ने असम राइफल्स के कैंप को घेर लिया है। भीड़ ने कैंप के कुछ हिस्से में आग लगा दी है।

मोन टाउन में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सोमवार तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी तरह के वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है।

नागालैंड के राज्यपाल जगदीश मुखी(  )  ने 4 दिसंबर की शाम को मोन जिले के अंतर्गत ओटिंग और तिरु गांव के बीच एक बिंदु पर ग्रामीणों पर गोलीबारी की घटना की निंदा की। राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एसआईटी इस घटना की हर एंगल से जांच करेगी।

इस बीच, सेना की 3 कोर के मुख्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘नगालैंड में मोन( Mon) जिले के तिरु में उग्रवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर इलाके में एक विशेष अभियान चलाए जाने की योजना बनाई गई थी। यह घटना और इसके बाद जो हुआ, वह अत्यंत खेदजनक है। लोगों की मौत की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के जरिए उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।’’ सेना ने कहा, ‘‘इस अभियान में सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और एक जवान की मौत हो गई है।’’

अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि कहीं यह घटना गलत पहचान का मामला तो नहीं है। मोन ( Mon)म्यांमा की सीमा के पास स्थित है, जहां से एनएससीएन-के का युंग ओंग धड़ा अपनी उग्रवादी गतिविधियां चलाता है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालात काबू में हैं और पुलिस मामले की जांच कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को घटना की जानकारी दी गई है।

नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने ट्वीट किया, ‘‘मोन के ओटिंग में आम लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत निंदनीय है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मामले की एसआईटी (विशेष जांच दल) से उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और कानून के अनुसार न्याय किया जाएगा। मैं सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं।’’ उपमुख्यमंत्री वाई पैटन ने ट्वीट किया, ‘‘ओटिंग की जिस व्यथित करने वाली और त्रासदीपूर्ण घटना में आम लोगों की मौत हुई है, उसकी विस्तृत जांच की जाएगी तथा न्याय किया जाएगा। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं इस त्रासदीपूर्ण घटना के मद्देनजर सभी से शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं।’’

मोन जिले में घटना के बाद हिंसा फैसले के डर से जिला प्रशासन ने इंटरनेट और एसएमएस सुविधा को पूरी तरह बंद कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि इस अवधि में कोई भी न तो मैसेज भेज पाएगा और न ही इंटरनेट का प्रयोग कर सकेगा। बताया कि वाट्सएप, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए गलत संदेश प्रसारित किए जा रहे थे, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। इंटरनेट और एसएमएस सुविधा को अगले आदेश तक बंद रखा गया है।

‘ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन’ (ईएनपीओ) ने इस घटना के विरोध में क्षेत्र के छह जनजातीय समुदायों से राज्य के सबसे बड़े पर्यटन कार्यक्रम ‘हॉर्नबिल’ महोत्सव से भागीदारी वापस लेने का आग्रह किया। संगठन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘ईएनपीओ भारतीय सेना की अंधाधुंध गोलीबारी में ओटिंग गांव के 10 से अधिक दिहाड़ी मजदूरों की मौत होने की घटना पर गहरा शोक व्यक्त करता है और घटना की घोर निंदा करता है।’’ ईएनपीओ ने छह जनजातियों से राज्य की राजधानी के पास किसामा में हॉर्नबिल महोत्सव स्थल ‘नगा हेरिटेज विलेज’ में अपने-अपने ‘मोरुंग’ में घटना के खिलाफ काले झंडे लगाने को कहा। इसने कहा, ‘‘सभी संबंधित पक्षों को समझना चाहिए कि यह आदेश/कदम राज्य सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह सुरक्षाबलों के खिलाफ नाराजगी जताने और छह जनजातीय समुदायों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए है।’’ मुख्यमंत्री के सलाहकार अबु मेहता ने कहा कि घटना में मारे गए लोगों के लिए किसामा में दो मिनट का मौन रखा जाएगा और प्रार्थना की जाएगी।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels