तमिलनाडु ( Tamil Nadu ) के कुन्नूर में बुधवार को वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) अपने स्टाफ, सेना के उच्च अधिकारियों और परिवार के सदस्यों के साथ सवार थे। हेलीकॉप्टर के अंदर दो पायलट मिलाकर कुल 14 लोग सवार थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसे में 11 की मौत हो गई।
भारतीय वायुसेना का बयान वायु सेना ने कन्नूर में हेलिकॉप्टर दुर्घटना की पुष्टि कर दी है। सीडीएस बिपिन रावत ( Chief of Defence Staff General Bipin Rawat ) का अस्पताल में इलाज जारी है। तमिलनाडु के नीलगिरी में हादसे के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मे पीएम नरेंद्र मोदी को जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री हादसे के बारे में संसद को जानकारी देंगे।
हेलिकॉप्टर सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन जा रहा था। हेलिकॉप्टर दोपहर 12:20 बजे तब क्रैश हुआ, जब वह लैंडिंग स्पॉट से महज 10 किलोमीटर दूर था। मौके पर डॉक्टर्स, सेना के अफसर और कोबरा कमांडो की टीम मौजूद है। जो शव बरामद किए गए हैं, उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है, क्योंकि ये बुरी तरह जल गए हैं। कुछ और शव पहाड़ी से नीचे नजर आ रहे हैं। हादसे के जो विजुअल सामने आए हैं, उनमें हेलिकॉप्टर पूरी तरह क्षतिग्रस्त नजर आ रहा है और उसमें आग लगी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक चार शवों की बरामदगी हुई है, जबकि तीन लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वायु सेना ने अपने ट्वीट में कहा है कि उसका एमआई-17V5 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। वायु सेना का कहना है कि सेना के इस चॉपर में सीडीएस बिपिन रावत सवार थे। वायु सेना ने कहा है कि उसने हादसे की वजह का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं।
वायुसेना का यह हेलीकॉप्टर एमआई सीरीज का था। इस Mi-17V5 हेलिकॉप्टर में दो इंजन होते हैं। यह वीआईपी चॉपर कहलाता है। वायुसेना लंबे समय से इसका इस्तेमाल करती आई है।
सीडीएस जनरल रावत एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए वेलिंग्टन सशस्त्र बल कॉलेज में गए थे। वहीं से लौटकर कुन्नूर की तरफ आ रहे थे। उनकी पत्नी मधुलिका रावत, उनकी सुरक्षा में तैनात पांच कमांडो और निजी सुरक्षाकर्मी, एक ब्रिगेडियर और एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी हेलीकॉप्टर में सवार थे। सीडीएस को कुन्नूर पहुंचने के बाद दिल्ली रवाना होना था।
जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को यह पद संभाला। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक सेना प्रमुख के पद पर रहे।इसके साथ ही वह रक्षा और रणनीतिक मामलों में सरकार के प्रमुख सलाहकार भी हैं।
जनरल विपिन रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है। उनके पिता सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत 1988 में वे उप सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे रावत 16 दिसंबर 1978 में गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में शामिल हुए। देश के 26वें थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत सितंबर 2016 में भारतीय सेना के प्रमुख बने थे। रावत ने 31 दिसंबर 2016 को भारतीय सेना की कमान संभाली थी। 2019 तक वो इस पद पर रहे। 30 दिसंबर को रावत को देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था। 1 जनवरी से उन्होंने कार्यभार संभाला था।
जनरल रावत को पूर्वी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा, कश्मीर घाटी और पूर्वोत्तर में काम करने का लंबा अनुभव है। अपने करियर में जनरल बिपिन रावत को यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम के साथ वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया है। दो मौकों पर सीओएएस कमेंडेशन और आर्मी कमांडर कमेंडेशन भी दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र के साथ सेवा करते हुए, उन्हें दो बार फोर्स कमांडर के कमेंडेशन से सम्मानित किया गया।
An IAF Mi-17V5 helicopter, with CDS Gen Bipin Rawat on board, met with an accident today near Coonoor, Tamil Nadu.
An Inquiry has been ordered to ascertain the cause of the accident.— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
Latest visuals from the spot (between Coimbatore and Sulur) where a military chopper crashed in Tamil Nadu. CDS Bipin Rawat, his staff and some family members were in the chopper.
(Pics Source: Locals involved in search and rescue operation) pic.twitter.com/miALr88sm1
— ANI (@ANI) December 8, 2021