Friday, September 20, 2024

INDIA, Indian Army, Tamil Nadu

सेना के पूर्व अफसर और नेताओं ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना को लेकर खड़े किए सवाल, बोले यह हादसा नहीं साजिश

Former army officers and politicians call for an inquiry into the chopper crash that killed CDS Rawat, calling it a conspiracy

 के   (   )में सीडीएस जनरल बिपिन रावत जिस MI-17V5 हेलीकॉप्टर में सवार थे, उसके क्रैश(chopper crash ) होने के कारणों की जांच शुरु हो गई है। हेलीकॉप्टर का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया है। इस हादसे में 14 लोगों में से केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे हैं। हालांकि वरुण सिंह की हालत बेहद नाजुक है और उन्हें लाइफ स्पोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। सेना के पूर्व अफसर और कई नेताओं ने भी दुर्घटना को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीरवार को लोकसभा में बताया कि हेलीकॉप्टर हादसे(chopper crash ) की जांच, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (ट्रेनिंग कमांड) एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह करेंगे। जांच टीम, घटना स्थल पर पहुंच चुकी है। जनरल रावत का हेलीकॉप्टर जब क्रैश हुआ तो वहां का मौसम कैसा था, सबसे बड़ा सवाल यही है। लोगों का कहना है कि मौसम साफ था।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने मीडिया को बताया कि उसने आसमान से लोगों को गिरते हुए देखा था। दूसरे लोगों का कहना है कि हेलीकॉप्टर से जो लोग गिरे थे, वे आग की लपटों से जूझ रहे थे। एयर कमोडोर बीएस सिवाच (रिटायर्ड) ने बताया, जिस जगह पर जनरल रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है, वहां से 10-12 किलोमीटर की दूरी पर वेलिंगटन में हेलीपैड बना था।

जनरल रावत से खासतौर पर पड़ोसी देश, मसलन चीन और पाकिस्तान डरे हुए थे, नाराज थे। बिपिन रावत ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जिस तेजी के साथ शुरु की थी, उससे पड़ोसी देशों की सरकारें परेशान थी।

कुछ लोग कह रहे हैं कि हेलीकॉप्टर कम ऊंचाई पर था और आसमान में ही उससे आग की लपटें निकल रही थी। जांच टीम को ये प्वाइंट देखना पड़ेगा। अगर आसमान में ही हेलीकॉप्टर जला है तो कहानी कुछ और हो सकती है। ये बात उस समय और भी ज्यादा मायने रखती है, जब दूसरे चश्मदीद यह कह रहे हैं कि हादसे से पहले हेलिकॉप्टर बहुत कम ऊंचाई पर उड़ रहा था। एकाएक वह नीचे की तरफ आया और कटहल के पेड़ से टकरा गया। जब हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ तो उस वक्त मौसम पूरी तरह साफ था। साफ मौसम में हादसा होना, इसे बहुत गंभीरता से लिया जाता है। साजिश या शरारत, ये एंगल भी जांचा जाएगा।

हेलीकॉप्टर फुल अथॉरिटी डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल प्रणाली से लैस था। पायलट, अपनी मर्जी से कम ऊंचाई के दौरान यदि इंजन पर अधिक भार डालने की कोशिश करता तो डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल उसे रोक देता है।

इस मामले में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और हथियार नियंत्रण के मुद्दों के विशेषज्ञ और ब्रहमा चेलानी ने भी कई ट्वीट्स किए उन्होंने अपने ट्वीट्स के जरिए सीडीएस रावत और ताइवान के जनरल स्टाफ के प्रमुख शेन यी मिंग के हेलीकॉप्टस क्रैश(chopper crash ) में समानताएं बताईं। 2002 में हुए इस दुर्घटना में शेन यी मिंग समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। चेलानी ने कहा कि एक ऐसे समय पर जब चीन के साथ 20 महीने लंबे सीमा तनाव के चलते हिमालयी फ्रंट पर युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है, भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मौत का इससे बुरा समय नहीं हो सकता था।

सीनियर बीजेपी  लीडर और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को इस हादसे (chopper crash ) को लेकर शक है। उन्होंने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करानी चाहिए। तभी सच सामने आ सकेगा।

पूर्व ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने अंदेशा जताया है कि यह हादसा नहीं बल्कि साजिश हो सकता है। वायुसेना के जिस एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर में बिपिन रावत समेत सभी अन्य लोग सवार थे वो चॉपर कुन्नूर के काटेरी इलाके में क्रैश हो गया। यह इलाका दुर्गम होने के साथ-साथ घने पेड़ों से भी घिरा हुआ है। एक ‘ न्यूज’ के मुताबिक पूर्व ब्रिगेडियर का कहना है कि यह इलाका लिट्टे का है। इस हादसे के पीछे लिट्टे के स्लीपर सेल का हाथ हो सकता है। पूर्व ब्रिगेडियर सुधीर सांवत ने घटना की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)से कराने की मांग की है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels