वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर मोदी की फोटो के खिलाफ दायर एक याचिका को केरल हाईकोर्ट ( Kerala High Court )ने सोमवार को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने कहा था कि सर्टिफिकेट उसका निजी मामला है और उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो ठीक नहीं है। हाईकोर्ट ने उससे सवाल किया कि आप नेहरू के नाम वाली संस्था में काम करते हैं, आपने उसे बदलवाने की कोशिश क्यों नहीं की।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पीटर म्यलिपरंपिल ने कहा वैक्सीन सर्टिफिकेट( Covid vaccine certificates )मेरी प्राइवेट प्रॉपर्टी है। उस पर मेरे कुछ अधिकार हैं। मैंने वैक्सीनेशन के लिए पैसा दिया है और उस सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की फोटो लगाकर उसका क्रेडिट लेने का सरकार को कोई अधिकार नहीं है।
हाईकोर्ट( Kerala High Court )ने कहा वो हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं, किसी और देश के नहीं। वे हमारे जनादेश से सत्ता में आए हैं। केवल इसलिए कि आपका सियासी मतभेद है, आप इसे चुनौती नहीं दे सकते हैं। आप अपने ही प्रधानमंत्री को लेकर शर्मिदां क्यों हैं? 100 करोड़ लोगों को इस पर कोई परेशानी नहीं हो रही है। आपको समस्या क्यों है? हर किसी की सियासी राय अलग हो सकती है, लेकिन वे अभी भी हमारे प्रधानमंत्री हैं। मुझे लगता है कि आप कोर्ट का वक्त बर्बाद कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा दूसरे देशों में जो वैक्सीन सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं, उन पर तो उनके प्रधानमंत्री की फोटो नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा उन्हें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व नहीं होगा। हमें हमारे प्रधानमंत्री पर गर्व है। आपको गर्व होना चाहिए कि आपके वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर आपके प्रधानमंत्री की तस्वीर है।
हाईकोर्ट ( Kerala High Court )ने कहा आप जवाहर लाल नेहरू लीडरशिप इंस्टिट्यूट नई दिल्ली में स्टेट लेवल के मास्टर कोच हैं। आप ऐसे संस्थान में काम करते हैं, जिसका नाम प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया। आप विश्वविद्यालय से इसे बदलने के लिए क्यों नहीं कहते हैं।