महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में कुलपति ( VC ) के चयन में राज्यपाल की शक्तियों को कम करने के लिए कदम उठाया है।राज्यपाल की शक्तियों को कम करने के उद्देश्य से, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपने सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करने का फैसला किया ताकि राज्य सरकार को राज्यपाल के समक्ष कुलपति ( VC )के पदों के लिए नामों की सिफारिश करने का अधिकार मिल सके।
राज्यपाल राज्यों में विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होता है और एक समिति की सिफारिश पर कुलपति के लिए नियुक्तियां करता है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से इसे लेकर जारी एक बयान में कहा गया कि महाराष्ट्र पब्लिक यूनिवर्सिटी एक्ट 2016 को संशोधित किया जाएगा और कुलपति ( Vice-Chancellor ) के पदों के लिए राज्यपाल को नामों की सिफारिश करने के लिए राज्य सरकार को शक्ति दी जाएगी।
इस अधिनियम के वर्तमान प्रावधान के अनुसार एक कुलपति ( VC ) की नियुक्ति कुलाधिपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है। इस समिति में कुलाधिपति के लिए नामित एक व्यक्ति जो सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट का सेवानिवृत्त न्यायाधीश होता है, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव और संसद के एक कानून द्वारा स्थापित राष्ट्रीय ख्याति के संस्थान के निदेशक या प्रमुख शामिल होते हैं।
शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच विभिन्न मुद्दों कई बार विवाद हो चुका है।
इस बीच, मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों से निपटने के लिए कृषि, सहकारिता, खाद्य और नागरिक आपूर्ति में संशोधन से संबंधित तीन विधेयकों को वापस लेने को भी अपनी मंजूरी दे दी। इन तीनों विधेयकों को इस साल जुलाई में राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र में पेश किया गया था।
मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांच्या अध्यक्षतेखाली आज झालेल्या मंत्रिमंडळ बैठकीत घेण्यात आलेला निर्णय…@samant_uday pic.twitter.com/CE2hn9M2Nj
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) December 15, 2021