उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) की राज्यपाल-कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर की पूर्व कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ( Prof. Sangeeta Shukla )को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की कुलपति नियुक्त किया है। गुरुवार शाम को कुलपति कार्यालय में फैक्स के जरिए उनकी नियुक्ति का आदेश आया।प्रोफेसर श्रीमती शुक्ला को 2013 में पहली बार और 2017 में दूसरी कुलपति बनाया गया। वह लगातार दूसरी बार कुलपति बनने पहली महिला कुलपति रही। 18 नवंबर 2021 उनका दूसरा कार्यकाल खत्म हुआ है।
कार्यकाल पूरा होने के जूलॉजी की प्रोफेसर श्रीमती शुक्ला ( Prof. Sangeeta Shukla )को प्रभारी कुलपति बनाया गया। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति पद के लिए आवेदन किए थे। गुस्र्वार को उन्हें मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालयका कुलपति बना दिया गया। वह मेरठ विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति हैं। इनका कार्यकाल तीन साल तक रहेगा।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के 56 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला प्रोफेसर को कुलपति नियुक्त किया गया है। प्रो. संगीता शुक्ला ( Prof. Sangeeta Shukla )का जन्म 11 जुलाई 1961 को हुआ था। उन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय से एमएससी, पीएचडी व डीएससी किया है। एमएससी में वे गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। श्रीमती शुक्ला के 99 शोध पत्रों का प्रकाशन हुआ है। जिसमें 44 राष्ट्रीय शोध पत्र और 53 अंतराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित हुए।
विश्वविद्यालय में पहली बार कोई स्थायी महिला कुलपति बना है। हालांकि इससे पहले 25 अगस्त 1999 से एक मार्च 2000 तक प्रो. आशारानी सिंघल कार्यवाहक कुलपति रह चुकी हैं।
प्रोफेसर एनके तनेजा का कुलपति के तौर पर अभी तक का सबसे लंबा इतिहास रहा है। इसमें करीब वह सात साल कुलपति रहे हैं। प्रो. एनके तनेजा पहली बार 13 सितंबर 2010 से अक्टूबर 2010 तक कार्यवाहक कुलपति रहे। नवंबर 2010 से मई 2011 तक कुलपति रहे। फिर अगस्त 2015 से दिसंबर 2021 तक कुलपति के पद की जिम्मेदारी संभाली।