विधानसभा चुनाव अधिसूचना से पहले कानपुर ( Kanpur ) के पहले पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ( Asim Arun )ने नौकरी छोड़ दी है। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लिया है। वह भाजपा के टिकट पर कन्नौज (Kannauj ) से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
असीम अरुण मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले हैं। उनके पिता स्व. श्रीराम अरुण उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रहे हैं। यूपी आईपीएस में असीम अरुण की तेज तर्रार अफसरों में गिनती होती है। वह एटीएस के आईजी रह चुके हैं। एडीजी पद पर प्रमोट होने के बाद कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर बनाये गए थे।
असीम अरुण तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सिक्युरिटी में शामिल रहे हैं, एसपीजी में क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम (CPT) का नेतृत्व कर चुके हैं। उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए ही उन्हें एनएसजी मानेसर सहित सीबीआई की साइबर अपराध विवेचना अकादमी गाजियाबाद में भी सेवाएं देने का मौका मिला। पुलिस की डायल 100 सेवा शुरू किए जाने में भी उनका अहम योगदान रहा है।
यूपी चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है और सभी दलों ने इसका स्वागत करते हुए अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं। इस बीच कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ( Asim Arun )ने वीआरएस (एच्छिक सेवा निवृत्ति) के लिए आवेदन किया है। उन्होंने जारी किए गए बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद से उनके विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
असीम अरुण ( Asim Arun )ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने एच्छिक सेवा निवृत्ति के लिए आवेदन किया है क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं। मैं बहुत गौरवांवित अनुभव कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे भाजपा की सदस्यता के योग्य समझा।
उन्होंने कहा कि मैं प्रयास करूंगा कि पुलिस बलों के संगठन के अनुभव और सिस्टम विकसित करने के कौशल से पार्टी को अपनी सेवाएं दूं और पार्टी में विविध अनुभव के व्यक्तियों को शामिल करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को सार्थक बनाऊं।
मैं प्रयास करूंगा कि महात्मा गांधी द्वारा दिए गए तिलस्म कि सबसे कमजोर और गरीब व्यक्ति के हितार्थ हमेशा कार्य करूं, आईपीएस की नौकरी और अब यह सम्मान, सब बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा अवसर की समानता के लिए रचित व्यवस्था के कारण ही संभव है। मैं उनके उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति एवं सभी वर्गों के भाइयों और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और उत्थान के लिए कार्य करूंगा। मैं समझता हूं कि यह सम्मान मुझे मेरे पिता स्वर्गीय श्रीराम अरुण एवं माता स्वर्गीय शशि अरुण के पुण्य कर्मों के प्रताप के कारण ही मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि मुझे केवल एक ही कष्ट है कि अपनी अलमारी के सबसे सुंदर वस्त्र, अपनी वर्दी को अब नहीं पहन सकूंगा। मैं साथियों से विदा लेते हुए वचन देता हूं कि वर्दी के सम्मान के लिए हमेशा सबसे आगे मैं खड़ा रहूंगा। आपको मेरी ओर से एक जोरदार सैल्यूट…