राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS ) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत (Dr. Mohan Bhagwat)ने 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला पहुंचकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यहां उन्होंने भारतीय गणतंत्र की विशेषता बताते हुए कहा कि शांतिप्रिय देश होने के नाते भारत पूरे विश्व में भाईचारे तथा सौहार्द्र का संदेश फैलाता रहा है। भागवत ने यह भी कहा कि तिरंगे झंडे में शीर्ष पर मौजूद केसरिया रंग साहस, बलिदान और जोश को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि ये विशेषताएं भारत के प्राचीन काल के शासकों और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन एवं दर्शन में देखी जा सकती हैं।
उन्होंने झंडे के निचले हिस्से में मौजूद हरे रंग को प्रगति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, ‘‘प्राचीन काल से ही भारत आध्यात्मिक देश रहा है, झंडे के बीच में धर्मचक्र भारत के लोगों द्वारा अनुकरण किये जाने वाले सामाजिक-सांस्कृतिक दर्शन के महत्व को दर्शाता है। ’’
भागवत ने यहां सेवा धाम, खायेरपुर में कहा, ‘‘भारत एक शांतिप्रिय देश है। यह भाईचारा और सौहार्द्र का संदेश शेष विश्व में फैलाता है। भारत प्रकृति की पूजा करता है।’’ आरएसएस (RSS ) प्रमुख ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र सही मायने में भारत के प्राचीन गणराज्यों में जीवन एवं दर्शन में प्रदर्शित हुआ था।
राष्ट्रध्वज में बीच का नीला चक्र हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहरों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को सही मायने में स्थापित करने के लिए भारत के मौजूदा तंत्र को सभी देशवासियों को आत्मसात कर उसका पालन करना चाहिए। ताकि हम दुनिया में और आगे बढ़ सकें और सभी देशों को लोकतंत्र की असली राह दिखाने में कामयाब हों।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के प्राचीन गणराज्यों में जीवन एवं दर्शन में लोकतंत्र सही मायने में प्रदर्शित हुआ था। आज भारत के लोकतंत्र को वैशाली, लिच्छवी जैसे प्राचीन गणराज्यों की लोकतांत्रिक प्रणाली के अनुरूप अवश्य ही गौरवान्वित करना चाहिए।’’
73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने अगरतला (त्रिपुरा) में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। pic.twitter.com/ABf6JmprHM
— RSS (@RSSorg) January 26, 2022