73वां गणतंत्र दिवस श्रीनगर (Srinagar ) के लाल चौक पर मनाया गया। इस बार यह घटना ऐतिहासिक थी, क्योंकि लाल चौक ( Lal Chowk ) के घंटाघर पर तिरंगा फहराया गया है। आजादी के बाद यह पहला मौका था, जब घंटाघर पर राष्ट्रीय ध्वज लहरा रहा था। बुधवार को लाल चौक पर सोशल वर्कर साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट ने दर्जनों समर्थकों के साथ गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण किया।
लाल चौक ( Lal Chowk ) के घंटाघर पर तिरंगा फहराने से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। ऊंचाई पर तिरंगा फहराने के लिए जेसीबी मंगाई गई। जेसीबी में कुछ अधिकारी चढ़े और तिरंगा फहयाया। लाल चौक को रात में ही तिरंगा फहराने के लिए सजाया गया था।
लाल चौक पर घंटाघर का निर्माण 1980 में हुआ था। इसके बाद यहां तिरंगा नहीं लहराया गया। कश्मीर में हर राष्ट्रीय पर्व के दौरान आतंकी हमलों की घटनाएं होती थीं, जिसके चलते यहां लोगों को कोई जश्न नहीं मनाने दिया जाता था। इस बार ऐसा नहीं हुआ।
लाल चौक ( Lal Chowk ) पर समारोह के तौर पर तिरंगा फहराने का यह मौका 30 साल बाद आया है। इससे पहले 26 जनवरी 1992 में BJP के दिग्गज नेताओं में शुमार मुरली मनोहर जोशी ने घंटाघर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उस वक्त उनके साथ नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।

गणतंत्र दिवस पर श्रीनगर में हर कहीं तिरंगे फहराते नजर आए। शहर के प्रताप पार्क और इकबाल पार्क के अलावा कई सार्वजनिक जगहों पर यही नजारा था। यह पहली बार है जब शहर में इतनी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय ध्वज लगाया गया है। श्रीनगर में लाल चौक इलाका बेहद अहम है। घाटी में कई बड़े बदलावों का ऐलान यहीं से होता रहा है। लाल चौक पर ही शेख अब्दुल्ला ने आजादी के बाद कश्मीर के भारत के साथ में रहने का ऐलान किया था। इतना ही नहीं यहीं पर आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
Jammu & Kashmir: The national flag unfurled at Lal Chowk in Srinagar, on #RepublicDay pic.twitter.com/hFdocY4Ekk
— ANI (@ANI) January 26, 2022