प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लांड्रिंग मामले में कार्वी स्टाक ब्रोकिंग समूह( Karvy Group)के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सी पार्थसारथी और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जी हरि कृष्ण को गिरफ्तार किया है। मामला ग्राहकों के 2,873 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है। ईडी ने गुरुवार को बताया, गिरफ्तारी के बाद 20 और 25 जनवरी को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 27 से 30 जनवरी तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया है।
धोखाधड़ी में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से दोनों अभी तक बेंगलुरु की जेल में बंद थे। मामला एचडीएफसी बैंक द्वारा दर्ज कराई गई कई एफआइआर पर आधारित है। कुछ अन्य बैंकों और निवेशकों ने भी आरोप लगाया है कि उनके धन को कार्वी समूह ( Karvy Group)द्वारा अवैध रूप से दूसरे कामों में लगाया गया था। ईडी इससे पहले कार्वी समूह के विभिन्न कर्मचारियों के बयान दर्ज कर चुकी है।
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक कार्वी समूह( Karvy Group) के वरिष्ठ प्रबंधन ने अपने ग्राहकों की सिक्योरिटी का दुरुपयोग किया है। साथ ही धोखाधड़ी से ऋण जुटाने के लिए डिज़ाइन किए गए ट्रांजेक्शन के जटिल वेब का खुलासा किया है। लोन की रकम को बाद में संबंधित कंपनियों के माध्यम से घुमाया गया और बाद में इसे उसके मुख्य उद्देश्य से हटा दिया गया। साथ ही बताया जा रहा है कि जिन ग्राहकों को कार्वी स्टाक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) को कोई फंड नहीं देना था, उनके शेयर भी केएसबीएल के मार्जिन और पूल खाते में स्थानांतरित कर दिए गए। जिसके बाद उन्हें बैंकों और एनबीएफसी के साथ गिरवी रखा गया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि एक्सचेंज सेटलमेंट की सुविधा के लिए केएसबीएल को क्लाइंट्स द्वारा दिए गए पावर आफ अटार्नी (पीओए) का सीएमडी और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर केएसबीएल द्वारा घोर दुरुपयोग किया गया था। पार्थसारथी और हरि मुख्य साजिशकर्ता थे जिन्होंने दूसरों को निर्देश दिए।
ED has arrested C Parthasarathy, Chairman & MD, and G Hari Krishna, CFO, of the Karvy Group in the Rs 2000 Crore Security Scam. Court has given 4 days of ED Custody of the arrested accused.
— ED (@dir_ed) January 27, 2022