जयपुर ( Jaipur ) नगर निगम ग्रेटर की निलंबित मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ( Dr. Soumya Gurjar) के मामले में राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले में सुनवाई के बाद राज्य सरकार के आदेश पर स्टे दे दिया है। इस निर्णय से अब सौम्या गुर्जर के मेयर पद पर बहाल होने की राह खुल गई।
जस्टिस संजय किशन कौल, एमएम सुंदरेष की खंडपीठ के समक्ष ये सुनवाई हुई। इसमें राजस्थान सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ.मनीष सिंघवी ने पक्ष रखा था, जबकि सौम्या ( Dr. Soumya Gurjar)की तरफ से अधिवक्ता अमन पेश हुए थे। हालांकि सौम्या गुर्जर कब दोबारा मेयर की कुर्सी पर बैठेगी ये कहना मुश्किल है, क्योंकि कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद सरकार की ओर से इसका रिव्यू किया जाएगा। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
मामले में भाजपा की ओर से पूरे मामले की निगरानी कर रहे पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के अनैतिक व असंवैधानिक निर्णय को गलत मानते हुए यह स्टे दिया। यह लोकतंत्र की एक बड़ी जीत है।
दरअसल, राज्य सरकार ने 6 जून को सौम्या गुर्जर को मेयर पद से और अन्य तीन पार्षदों को आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ हुए विवाद के बाद निलंबित कर दिया था। इस निलंबन के बाद राज्य सरकार ने इस प्रकरण की न्यायिक जांच भी शुरू करवा दी थी। सरकार के निलंबन के फैसले को सौम्या गुर्जर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने प्रकरण में न्यायिक जांच होने तक दखल देने और निलंबन के आदेशों पर स्टे देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सौम्या गुर्जर के समर्थन में भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी थी।
राज्य सरकार के जयपुर ग्रेटर मेयर पद से निलंबन के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला तो मंगलवार को डॉ. सौम्या गुर्जर( Dr. Soumya Gurjar) सिद्धपीठ मेहंदीपुर बालाजी पहुंची। जहां उन्होंने बालाजी महाराज के दर्शन कर विशेष पूजा अर्चना की। मेयर ने बालाजी को नारियल चढ़ाकर मनौती मांगी। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट सचिव एमके माथुर ने उन्हें प्रसादी भेंट की।
पत्रकारों से अनौपचारिक बात करते हुए डॉ. सौम्या गुर्जर ( Dr. Soumya Gurjar)ने कहा राज्य सरकार की ओर से मेयर पद से निलंबन आदेश पर आज सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है। आदेश की प्रति मिलने के बाद मेयर पद संभालने को लेकर निर्णय किया जाएगा। इसके बाद वे मदनमोहनजी व कैलादेवी के दर्शनों के लिए करौली रवाना हो गई।