ओडिशा ( Odisha ) सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (IAS Officer )विनोद कुमार को बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि 1989 बैच के आईएएस अधिकारी को केंद्र की मंजूरी के बाद बर्खास्त किया गया है।
आईएएस अधिकारी विनोद कुमार जब ओडिशा ग्रामीण आवास विकास निगम (ओआरएचडीसी) के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे, तब उन्हें भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है। 2018 में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में एक स्थानीय अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाने के बाद विनोद कुमार की बर्खास्तगी के लिए केंद्र से मंजूरी मांगी गई थी।
बयान में कहा गया है कि 1999 सुपर चक्रवाती तूफान के बाद आईएएस अधिकारी (IAS Officer ) विनोद कुमार ने निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन किए बिना फर्जी निजी फर्मों और व्यक्तियों को 33.34 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी। कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के 27 मामले दर्ज हैं। इनमें से उन्हें दो मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। विशेष सतर्कता न्यायाधीश, भुवनेश्वर ने करोड़ों रुपये के घोटाले में कुमार और पांच अन्य को दोषी ठहराते हुए तीन साल जेल की सजा सुनाई है।
उन पर उचित जांच के बिना 2000-01 के दौरान 19 व्यक्तिगत ऋणों की आड़ में 46.9 लाख रुपये मंजूर करने के भी आरोप हैं। एक दूसरे मामले में 12 लोगों को कर्ज दिलाने के बहाने से एक प्रोपर्टी डीलर को 41.26 लाख रुपये मंजूर किये। हालांकि अपनी बर्खास्तगी पर विनोद कुमार ने अभी तक कुछ भी टिप्पणी नहीं की है और ना ही वह मीडियाकर्मियों के समक्ष मुखातिब हुए हैं।
अपनी भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत, राज्य ने हाल ही में एक वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी अभय कांता पाठक को भ्रष्टाचार के आरोप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है।