प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi )ने सोमवार को लोकसभा ( Lok Sabha ) में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया।संसद में सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी अपने ही अंदाज में नजर आए। उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखे कटाक्ष किए। शायराना अंदाज में पीएम मोदी ने कहा,
वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाओ
नहीं मानोंगे तो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे
जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ देंगे
वो मगरूर है खुद की समझ में बेइंतहा
इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आइने को भी तोड़ देंगे
ये वो लाइनें हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए विपक्ष पर तंज कसने के लिए इस्तेमाल कीं। प्रधानमंत्री सोमवार शाम 5.30 बजे लोकसभा में बोलने खड़े हुए और 7 बजकर 6 मिनट तक बोले। पूरे 100 मिनट के भाषण में नरेंद्र मोदी ने विष्णु पुराण का श्लोक पढ़ा। तमिल महाकवि सुब्रमण्यम भारती की कविता के जरिए राष्ट्रीय एकता पर बात की, तो कांग्रेस को टुकड़े-टुकड़े गैंग का लीडर बताने से भी नहीं चूके।।उन्होंने कहा कि सवाल चुनाव का नहीं है बल्कि नेक नीयती का है। जहां भी लोगों ने सही राह पकड़ ली है, वहां आप लौट नहीं पाए। हम एक चुनाव हार जाएं तो महीनों चिंतन चलता है। लेकिन आप इतने चुनाव हार गए, फिर भी न तो आपका अहंकार जाता है और न ही आपका ईको सिस्टम ऐसा करने देता है।
मोदी ने अपने मैराथन भाषण में कई बार नेहरू का जिक्र किया। महंगाई से लेकर देश की एकता को लेकर कांग्रेस पर तंज कसने के लिए वे नेहरू के भाषणों के अंश पढ़ते रहे। उन्होंने कांग्रेस सांसदों पर चुटकी लेते हुए कहा- आपको शिकायत रहती है कि मैं नेहरू का जिक्र नहीं करता, इसलिए आज के भाषण में नेहरू की तमाम बातें होंगी। प्रधानमंत्री ने यही किया भी और नेहरू के लाल किले पर दिए भाषण से लेकर राष्ट्र पर उनके बयान को दोहराया।

उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखे कटाक्ष किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी बहुत से लोगों की सुई 2014 पर ही अटकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के रवैये से ऐसा लगता है कि वे अगले 100 साल तक सत्ता में नहीं आना चाहते। आपने ही जब ऐसी तैयारी कर ली है तो फिर हमने भी कर रखी है। कांग्रेस पर बरसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 1994 में आप गोवा में पूर्ण बहुमत से जीते थे। 28 साल हो गए आपको गोवा ने स्वीकार नहीं किया।
पीएम मोदी ने कहा कि इसी तरह बीते तीन दशकों से आप त्रिपुरा से नहीं जीते हैं। बंगाल में 1972 में आपको पसंद किया था। यूपी और बिहार में 1989 के बाद से लोगों ने आपको पसंद नहीं किया है। तमिलनाडु के लोगों ने 1962 में यानी आपको 60 साल पहले मौका दिया था। तेलंगाना के गठन का आप श्रेय लेते हैं, लेकिन वहां की जनता ने आपको स्वीकार नहीं किया। झारखंड को बने 20 साल से ज्यादा हो गए, लेकिन कांग्रेस वहां चोर दरवाजे से ही सत्ता में रहती है।
पीएम नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi )ने कहा कि मानवता 100 साल का सबसे बड़ा संकट झेल रही है। जिन लोगों ने अतीत के आधार पर ही भारत का आकलन किया, उन्हें लगता था कि भारत यह लड़ाई लड़ पाएगा। भारत खुद को बचा नहीं पाएगा, लेकिन आज स्थिति क्या है। मेड इन इंडिया कोविड टीके दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावी हैं। आज भारत शत-प्रतिशत पहली डोज के निकट पहुंच रहा है। लगभग 80 फीसदी सेकेंड डोज का भी पड़ाव पूरा कर लिया है। कोरोना एक वैश्विक महामारी थी, लेकिन उसे भी दलगत राजनीति के लिए उपयोग में लाया जाए तो क्या यह मानवता के लिए सही है।
मोदी ने कहा, ‘हम सब संस्कार से, व्यवहार से लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध लोग हैं और आज से नहीं, सदियों से हैं। ये भी सही है कि आलोचना जीवंत लोकतंत्र का आभूषण है, लेकिन अंध विरोध लोकतंत्र का अनादर है।’
पीएम मोदी की कोरोना को लेकर टिप्पणी पर कांग्रेस ने जब विरोध किया तो पीएम मोदी ने कहा कि मैंने किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन अब नाम लेकर कहता हूं कि कांग्रेस ने तो हद कर दी। पहली लहर के दौरान जब देश लॉकडाउन का पालन कर रहा था और दुनिया कह रही थी कि जो जहां है वहीं रुकें। तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशन पर खड़े होकर लोगों को प्रोत्साहित किया कि वे शहर से निकलें। लोगों को प्रेरित किया गया कि महाराष्ट्र में हमारे ऊपर जो बोझ है, वह थोड़ा कम हो। आप जहां के भी हैं, वहां जाकर कोरोना फैलाओ।
दिल्ली की आप सरकार भी तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने तो गाड़ियों पर माइक बांधकर लोगों से कहा कि आप लोग निकल जाएं। इसके चलते यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में जहां कोरोना की तीव्रता नहीं थी, वहां भी कोरोना ने लोगों को अपने लपेटे में ले लिया है। यह कैसी राजनीति है, जिसने मानव जाति पर आए संकट में भी मौका नहीं गंवाया। कांग्रेस के आचरण से मैं ही नहीं बल्कि पूरा देश अचंभित है। कुछ लोगों ने जिस तरह से व्यवहार किया, उससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या यह देश और उसके लोग आपके नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता था कि कोरोना मोदी की छवि को चपेट में ले लेगा। महात्मा गांधी की स्वदेशी की बात थी। मोदी जब वोकल फॉर लोकल की बात करता है तो आप उससे अलग क्यों हटते हैं। महात्मा गांधी के स्वदेशी के निर्णय को आगे बढ़ाएं। आप महात्मा गांधी के सपनों को सच होते नहीं देखना चाहते। आज पूरी दुनिया में कोरोना ने जगह बना ली है, लेकिन आपने उसका भी मजाक बनाया। उसका भी विरोध किया। यदि आप लोगों को योग के लिए प्रेरित करते तो उससे क्या नुकसान होता।
मोदी ने कहा- कांग्रेस विभाजन की राजनीति करती है। कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग का लीडर बन गई है। यह कांग्रेस की परंपरा है, जो अंग्रेजों से विरासत में मिली है। इसके बाद मोदी ने विष्णुपुराण से संस्कृत का यह श्लोक पढ़ा-
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेष्चैव दक्षिणम्। वर्शं तद् भारतं नाम भारती यत्र संततिः
मोदी ने कहा- देश में तमिल सेंटिमेंट को आग लगाने की कोशिश की गई, लेकिन जब CDS रावत का पार्थिव शरीर रास्ते से निकल रहा था, उस वक्त तमिल भाई-बहन वीर वडक्कम-वीर वडक्कम का नारा लगा रहे थे।
जब प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में बोल रहे थे, उस समय कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सदन में मौजूद नहीं थे। इस पर मोदी ने तंज कसते हुए कहा- कुछ लोग बोलकर भाग जाते हैं, झेलना इन बेचारों को पड़ता है। (इस पर सत्ता पक्ष के सांसद हंसने लगे।)
#WATCH | “Now that you (Congress) have made up your mind not to come to power for the next 100 years, then, ‘Maine bhi tyaari kar li hai’: PM Modi in Lok Sabha pic.twitter.com/3W7fJI3744
— ANI (@ANI) February 7, 2022
PM @narendramodi replies to the discussion on the Motion of Thanks to the President’s address in #LokSabha#BudgetSession2022
Watch LIVE: https://t.co/jp85gkOKDp pic.twitter.com/aAabpS6LeU
— SansadTV (@sansad_tv) February 7, 2022