मुंबई( Mumbai) में एनएसई यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) के बारे में बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। खुलासा यह है कि चित्रा हिमालय के एक अनाम बाबा (योगी) अदृश्य आध्यात्मिक शक्ति ” शिरोमणि ” के सलाह पर फैसला लेती थी। इन्हीं अदृश्य”सिरोमणि” के सलाह पर उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्ति किया था।
भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज का संयुक्त बाजार पूंजीकरण करीब चार ट्रिलियन डॉलर है और इस चार ट्रिलिनय डॉलर के संयुक्त बाजार वाले स्टॉक एक्सचेंज के बारे में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna)अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी एवं सीईओ थीं। वह योगी को शिरोमणि कहती थीं, जो उनके मुताबिक एक आध्यात्मिक शक्ति हैं और पिछले 20 वर्षों से व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। रामकृष्ण के अनुसार यह अज्ञात व्यक्ति या योगी कथित रूप से एक आध्यात्मिक शक्ति थी, जो अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकती थी।
सेबी के एक अधिकारी के मुताबिक, एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण एनएसई से जुड़े फैसले एक योगी के कहने पर लिए जिसे कभी देखा भी नहीं गया। चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna)को हिमालय में रहने वाले एक योगी ने प्रभावित किया था, जिसके तहत उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्ति किया। रामकृष्ण और अन्य के खिलाफ शुक्रवार को पारित अपने अंतिम आदेश में सेबी ने यह खुलासा किया।
सेबी ने चित्रा रामकृष्ण एवं अन्य पर जुर्माना भी लगाया। यह जुर्माना सुब्रमण्यन की नियुक्ति में प्रतिभूति अनुबंध नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया। नियामक ने यह कदम समूह के परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक (एमडी) के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यन की नियुक्ति में प्रतिभूति अनुबंध नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया है।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए सेबी ने रामकृष्ण और सुब्रमण्यन के साथ ही एनएसई और उसके पूर्व प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि नारायण तथा अन्य पर भी जुर्माना लगाया। नियामक ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), नारायण और सुब्रमण्यन पर दो-दो करोड़ रुपये तथा वी आर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही नियामक ने एनएसई को कोई भी नया उत्पाद पेश करने से छह महीने के लिये रोक दिया।
इसके अलावा, चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna)और सुब्रमण्यन को तीन साल की अवधि के लिए किसी भी बाजार ढांचागत संस्थान या सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ के साथ जुड़ने को लेकर रोक लगायी गयी है। जबकि नारायण के लिये यह पाबंदी दो साल के लिये है।
इसके अलावा, सेबी ने एनएसई को रामकृष्ण के अतिरिक्त अवकाश के बदले भुगतान किये गये 1.54 करोड़ रुपये और 2.83 करोड़ रुपये के बोनस (डेफर्ड बोनस) को जब्त करने का भी निर्देश दिया।