लखनऊ ( Lucknow) में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य महानिदेशालय की संयुक्त निदेशक (भंडारण) डॉ. रंजना शर्मा ( Dr. Ranjana Sharma ) का जला हुआ शव महानगर के ट्रांजिट हॉस्टल के उनके फ्लैट में मिला। शव का काफी हिस्सा जला था । किन परिस्थितियों में जल कर मौत हुई पुलिस इसकी जांच कर रही है
मूल रूप से एटा ( Etah ) की रहने वाली डॉ. रंजना शर्मा ( Dr. Ranjana Sharma )स्वास्थ्य महानिदेशालय की संयुक्त निदेशक (भंडारण) पद पर तैनात थीं। वह महानगर कोतवाली क्षेत्र में निशातगंज के पास स्थित ट्रांजिट हॉस्टल के फ्लैट में अकेले रहती थीं। रविवार को डॉ. रंजना शर्मा के फ्लैट से दुर्गंध आने पर हॉस्टल के केयरटेकर ने महानगर कोतवाली में सूचना दी।लखनऊ पुलिस ने फ्लैट का दरवाजा तोड़ा तो कमरे में हीटर के पास डॉ. रंजना का शव पड़ा मिला। एक हाथ व एक पैर बुरी तरह से झुलसा था। लखनऊ पुलिस ने बताया कि फ्लैट के सभी दरवाजे बंद मिले हैं। ऐसे में आशंका है कि हीटर की चपेट में आने से ही डॉ. रंजना शर्मा की मौत हुई है। पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
बताया गया है कि डॉ. रंजना शर्मा ( Dr. Ranjana Sharma )एकांत में रहना पसंद करती थीं। रिश्तेदारों से भी अधिक बातचीत नहीं होती थी। बताया गया है कि डॉ. रंजना का विवाह हुआ था। मगर कुछ साल बाद ही पति से तलाक हो गया था। तब से वह अकेले ही रहती थीं। उनके दो भाई हैं। इनमें मनोज शर्मा दिल्ली में डॉक्टर हैं और रतन शर्मा बैडमिंटन कोच हैं। छानबीन में पता चला कि दिसंबर 2021 से वह ड्यूटी पर नहीं जा रही थीं। मनोज की आखिरी बार 11 जनवरी को डॉ. रंजना से बात हुई थी। जबकि ट्रांजिट हॉस्टल के लोगों से पता चला कि डॉ. रंजना को करीब 15 दिन से किसी ने बाहर निकलते नहीं देखा था। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शव करीब तीन दिन पुराना होने की बात सामने आई है। जबकि मौत का कारण आग की चपेट में आकर झुलसना पाया गया है।
डॉ. रंजना शर्मा के कमरे में ढेर सारी पूजन सामग्री मिली है। इसमें काफी मात्रा में लौंग व कपूर था। पता चला है कि कुछ समय से वह पूजा में ही लीन रहती थीं।