Saturday, September 21, 2024

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Maharashtra: मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लहरी का निधन, मुंबई के एक अस्पताल में ली अंतिम सांस

Bappi Lahiri, Composer-Singer, Dies In Mumbai Hospital At 69

Bappi Lahiri, Composer-Singer, Dies In Mumbai Hospital At 69गायक-संगीतकार बप्पी लाहिरी ( Bappi Lahiri )का के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे।बप्पी दा के नाम से मशहूर आलोकेश लाहिड़ी ने ही बॉलीवुड को 70 के दशक में डिस्को और रॉक म्यूजिक से रू-ब-रू करवाया था।  बप्पी दा ने 80 90 के दशक में कई फिल्मों में ब्लॉकबस्टर गाने दिए और अलग पहचान बनाई।

क्रिटी केयर अस्पताल  के डायरेक्टर डॉ. दीपक नामजोशी ने बताया कि बप्पी लाहिरी ( Bappi Lahiri )को अस्पताल में एक महीने के लिए भर्ती कराया गया था। उन्हें सोमवार (14 फरवरी) को डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन मंगलवार को उनकी हालत बिगड़ गई। बप्पी दा के परिवार ने डॉक्टर को घर पर बुलाया। बप्पी दा को तुरंत ही अस्पताल लाया गया। डॉक्टर के मुताबिक, बप्पी दा हेल्थ संबंधी काफी  परेशानियों से जूझ रहे थे। उनका निधन OSA (obstructive sleep apnea) के कारण हुआ।

27 नवम्बर 1952 कोलकत्ता में जन्में बप्पी लहरी ने अपने अलग अंदाज की वजह से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई थी। लोगों के बीच उनकी पहचान एक ऐसे संगीतकार की है, जो हमेशा सोने के आभूषणों से लदे रहते हैं। उन्होंने अपने सफर के दौरान कई हिट सॉन्ग गाए हैं।

उन्होंने अमर संगीत, आशा ओ भालोबाशा, अमर तुमी, अमर प्रेम, मंदिरा, बदनाम, रक्तलेखा, प्रिया जैसी बंगाली फिल्मों में हिट गाने दिए। वह 1980 और 1990 के दशक में वर्दत, डिस्को डांसर, नमक हलाल, शराबी, डांस डांस, कमांडो, साहेब, गैंग लीडर, सैलाब जैसे फिल्मी साउंडट्रैक के साथ लोकप्रिय हुए थे।

बांद्रा की गलियों में विजय का नाम सबको आज भी पता है। पूरा नाम विजय बेनेडिक्ट। चर्च में वह तब भी गाते थे, जब बप्पी लाहिड़ी ने उनकी आवाज सुनी और उनको फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में मिथुन चक्रवर्ती की आवाज बना दिया। बप्पी लाहिड़ी के संगीतबद्ध किए गाने ‘आई एम ए डिस्को डांसर’ ने ही मिथुन को हिंदी सिनेमा का सुपरस्टार बनाया। विजय बेनेडिक्ट के अलावा उषा उथुप को भी हिंदी सिनेमा में लोकप्रियता बप्पी लाहिड़ी ने ही दिलाई। हिंदी सिनेमा में इन दोनों के अलावा शैरोन प्रभाकर और अलीशा चिनाय को भी बप्पी लाहिड़ी ने ही कायदे से स्थापित किया।

बप्पी लाहिरी ( Bappi Lahiri )के निधन की खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर सिलेब्रिटीज और फैंस ‘डिस्को किंग’ को याद कर भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि अब बप्पी दा भी इस दुनिया में नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया था। अभी देश लता जी को खोने के सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि अब बप्पी दा हमेशा के लिए अलविदा कह गए।

बप्पी लाहिरी ( Bappi Lahiri )के माता पिता दोनों सिद्ध संगीतज्ञ रहे। ठीक से बोलना और चलना सीखने से पहले उनकी अंगुलियों ने तबले पर थिरकना सीखा। बालिग होते ही संगीतकार भी बन गए। एस डी बर्मन से खूब प्रभावित रहे। आर डी बर्मन की तरह वह भी पाश्चात्य वाद्ययंत्रों से प्रयोग तो करते रहे लेकिन भारतीय शास्त्रीय संगीत का साथ कभी न छोड़ा। पूरब और पश्चिम का सेतु बनाने में वह जहां से जो भी मिल सका, उधार लेते रहे। सीखते रहे और दूसरों के बीच बांटते रहे। म्यूजिक रियलिटी शोज में जाना उनको खूब भाता। तमाम निजी संगीत अकादमियों से भी उनको गुरुकुल के प्रस्ताव मिलते। वह कहते, ‘मैं खुद को उस्ताद के रूप में स्थापित नहीं करना चाहता।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels