पंजाब (Punjab) विधानसभा की 117 सीटों के लिए मतदान खत्म हो गया। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात कम वोटिंग रही। 2017 में 77.2% के मुकाबले इस बार वोटिंग घटकर 69.65 रह गई। इस चुनाव में किसे जीत, किसे हार मिली, इसका फैसला 10 मार्च को ही होगा, जब चुनाव परिणामों का ऐलान होगा। लेकिन इस बार पंजाब की सियासत में मुकाबला बहुपक्षीय नजर आ रहा है, जिसमें कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी, बीजेपी, शिरोमणि अकाली दल भी मुकाबले में हैं।
पिछले चुनावों की तुलना में वोटिंग प्रतिशत में इस खासी कमी ने सबसे चौंका दिया है। वोटिंग में इस खासी कमी से नए समीकरण गढ़ना शुरू हो गए हैं. अकाली बीजेपी केएक होने के संकेत मिलने लगे हैं। अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने बयान दिया कि यदि जरूरत पड़ती है तो अकाली दल बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाएगा।
इससे पहले शाम 5 बजे तक राज्य में 63.44% मतदान हुआ है। सबसे ज्यादा 73.45% मतदान मानसा में हुआ है, जबकि मोहाली (साहिबाजादा अजीत सिंह नगर) में सबसे कम महज 53.10% मतदान ही दर्ज किया गया है।चुनाव आयोग के मुताबिक मुक्तसर में सबसे ज्यादा मतदान 78.47 फीसदी रहा, जबकि सबसे कम मतदान मोहाली में 62.41 फीसदी दर्ज हुआ। रविवार को मतदान की शुरुआत पंजाब में अच्छी रही। सुबह आठ बजे से ही केंद्रों में वोटरों की लंबी कतारें दिख रही थीं। दोपहर के वक्त मतदान की प्रक्रिया थोड़ी धीमी हुई।
पंजाब(Punjab) के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और आम आदमी पार्टी के सीएम चेहरा भगवंत मान के विधानसभा हलकों में रविवार को शाम छह बजे तक मतदान एक समान 68 फीसदी दर्ज किया गया। भगवंत मान धूरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं चरणजीत चन्नी अपनी पारंपरिक चमकौर साहिब सीट के अलावा भदौड़ आरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। धूरी और चमकौर साहिब सीटों पर 68 फीसदी मतदान हुआ है। हालांकि भदौड़ सीट पर 71.10 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है।
विधानसभा हलका गढ़शंकर के गांव वसियाला और रसूलपुर के लोगो ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया। दोनों गाव में एक भी व्यक्ति ने वोट नहीं डाला। दोनों गावों के लोग दो सप्ताह से रेलवे फाटक को बंद करने के मुद्दे को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लोगों के धरने में कई दलों के नेता भी पहुंचे थे।प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहले फाटक खुलवाए तभी दोनों गावों के लोग मत डालेंगे। नेताओं के वादों के बावजूद न रेलवे फाटक खुला और लोगों ने भी मतदान नहीं किया।
पंजाब(Punjab) में रविवार को वोटिंग के दिन अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) ने कहा कि चुनाव के बाद जरूरत पड़ी तो बीजेपी से गठबंधन कर सकते हैं। सिर्फ मजीठिया ही नहीं गुरदासपुर से लड़ रहे अकाली नेता गुरबचन सिंह ने भी कहा है कि अगर संख्याबल कम होता है तो बीजेपी से अलायंस ही विकल्प होगा।
अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘चरणजीत चन्नी क्या है? क्या वह जादूगर है जो 3 महीने में पंजाब में चमत्कार कर देगा? चुनाव से पहले उन्हें हीरो बनाने की कोशिश के लिए सारा श्रेय दिया जा रहा है। मुझे लगता है कि दोनों (चन्नी और नवजोत एस सिद्धू) बेकार हैं।’
अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम पटियाला और आस-पास की सीटों पर बहुत अच्छी जीत हासिल करेंगे। अगर बीजेपी-पीएलसी और ढींढसा की पार्टी को अच्छा रिस्पॉन्स मिलता तो हमें और क्या करने की जरूरत है। वे (कांग्रेस) इस बात से चिंतित हैं कि मैं पंजाब में क्या हासिल कर रहा हूं जो उनके खिलाफ जा रहा है। मैं अनुमान लगा सकता हूं कि कांग्रेस को 20-30 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी।
बहरहाल, राज्य के 2.14 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने सभी 117 क्षेत्रों में कुल 1,304 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर दिया। पंजाब(Punjab) के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल, मुख्यमंत्री पद के दावेदार भगवंत मान, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई।