लखनऊ ( Lucknow) के इंदिरानगर में शनिवार को एक महिला ने डॉक्टर पति को वीडियो कॉल कर बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि अब जीना नहीं चाहती हूं। मुझे माफ कर देना। ये कहकर उन्होंने फोन काटा तो पति आनन-फानन अस्पताल से घर की तरफ भागे। मगर कुछ मिनट में ही घर से फोन पर खबर मिली कि पत्नी ने उनके लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार ली है। ट्रॉमा सेंटर ले जाने पर पत्नी को मृत घोषित कर दिया गया। अंजू शिक्षिका थीं।
अंजू के खुद को गोली मारने के समय घर में सिर्फ उनकी सास और 18 व 13 साल के दोनों बेटे ही मौजूद थे। गोली चलने की आवाज सुनकर तीनों भागकर कमरे में गए तो अंजू को खून से लथपथ देख चीख पड़े। तुरंत डॉ. समीर को फोन करने के साथ ही पड़ोसियों को जानकारी दी।
मूल रूप से बाराबंकी के रामनगर निवासी डॉ.समीर वर्मा,लखनऊ ( Lucknow) के बलरामपुर अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट पद पर तैनात हैं। वह लखनऊ ( Lucknow) के इंदिरानगर के सेक्टर दस में सपरिवार रहते हैं। पुलिस ने बताया कि डॉ. समीर की पत्नी अंजू (49) करीब तीन साल से मानसिक बीमारी से परेशान थीं। उनका इलाज भी चल रहा था। इंस्पेक्टर के मुताबिक, शनिवार सुबह डॉ. सुधीर जब बलरामपुर अस्पताल में थे, तभी अंजू ने उन्हें वीडियो कॉल की। कहा कि मेरी बीमारी ठीक नहीं हो सकती। ऐसे में अब और जीना नहीं चाहती।
इसके बाद अंजू ने पति से कहा कि मुझे माफ कर देना। पत्नी के फोन काटते ही उनकी बातों से घबराए डॉ. समीर तुरंत घर भागे। मगर चंद मिनट बाद ही घर से फोन कर बताया गया कि अंजू ने उनकी लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपनी दायीं कनपटी पर गोली मार ली है। डॉ. सुधीर ने तत्काल पत्नी को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डॉ. समीर वर्मा ने अपने और परिवार की सुरक्षा के लिए लाइसेंसी रिवॉल्वर लिया था। लेकिन सुरक्षा के बजाए लाइसेंसी असलहा परिवार बिखरने का कारण बन गया। चौबीस घंटे के अंदर लाइसेंसी असलहे से गोली मार कर खुदकुशी करने का यह दूसरा मामला है। शुक्रवार को भी बीमारी से तंग आकर रिटायर वन अधिकारी अतिबल सिंह ने खुद को गोली से उड़ा लिया था।