असम (Assam) के गोलाघाट जिले की एक अदालत ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान( Kaziranga National Park )में अवैध रूप से मछली पकड़ने के मामले में दो पूर्व विधायकों जितेन गोगोई और कुशल देउरी को दो साल जेल की सजा सुनाई है। पूर्व विधायकों और उनके समर्थकों पर रेंजर के साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप था।
अदालत ने पूर्व विधायकों पर पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना भरने में असफल रहने पर उन्हें दो महीना अतिरिक्त कैद में बिताना होगा। अतिरिक्त जिला जज कौशिक हजारिका ने 2009 के इस मामले में तीन अन्य के खिलाफ भी सजा सुनाई है।
बता दें कि जब जितेन गोगोई और कुशल डोवारी ने घटना को अंजाम दिया था तब वे निर्दलीय विधायक थे। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश कौशिक हजारिका ने 2009 के मामले में पूर्व विधायक जितेन गोगोई और कुशल डोवारी सहित 5 लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया। उस समय गोगोई और डोवारी क्रमशः बोकाखत विधानसभा सीट और थौरा विधानसभा से निर्दलीय विधायक थे। इन दोनों विधायकों पर अपने साथियों के साथ काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान ( Kaziranga National Park )में जबरन घुसने और उद्यान में अवैध तरीके से मछली पकड़ने का आरोप था।
दोनों विधायक जब काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान ( Kaziranga National Park ) में मछली पकड़ रहे थे तब तत्कालीन वन रेंजर डंबरूधर बोरो ने उन्हें ऐसा करने से रोका था जिसके चलते दोनों विधायक और उनके साथी बोरो को धमकाने और मारपीट करने लगे थे। बोरो ने बाद में उनके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज कराया था और उन्हें शनिवार को अदालत ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत सजा सुनाई। मामले के सभी 5 दोषी जमानत पर हैं और उन्हें तुरंत जेल नहीं जाना होगा होगा क्योंकि उन्हें दी गई सजा की अवधि 3 साल से कम है।
A local court in Golaghat district on Saturday also slapped the two ex-MLAS Jiten Gogoi and Kushal Dowari with fine of Rs 5,000 each#Assam @kaziranga_ https://t.co/TTCuU6PyoY
— NorthEast Now (@NENowNews) March 6, 2022