पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारिवलन ( A.G. Perarivalan ) को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) से जमानत मिल गई है। उसकी जल्द ही रिहाई होगी। उसे उम्रकैद हुई थी। वह 31 साल की सजा काट चुका है। अदालत ने उसे अच्छे आचरण, शैक्षिक योग्यता और बीमारी के आधार पर जमानत दी है। इस मामले में 7 लोगों को उम्रकैद हुई थी। इनमें से 6 अभी जेल में हैं।
एजी पेरारिवलन ( A.G. Perarivalan )की याचिका पर दो जस्टिस एल. नागेश्वर राव और बीआर गवई ने मामले की सुनवाई की। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि दोषी 30 साल से अधिक समय से जेल में है। पैरोल की अवधि के दौरान उसका आचरण संतोष जनक रहा है। हमारा विचार है कि उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।’
पेरारिवलन ( A.G. Perarivalan )ने शीर्ष कोर्ट में एक जमानत याचिका दायर की थी। पेरारिवलन ने अपनी याचिका में कहा कि तमिलनाडु सरकार उसकी रिहाई का आदेश दे चुकी है, लेकिन राज्यपाल और केंद्र सरकार इसे मंजूर नहीं कर रही। कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के इस रुख पर नाराजगी जताई और रिहाई की सिफारिश को लेकर उन पर सवाल उठाया।
सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि क्या इस मामले में राज्य के राज्यपाल का कोई अपना विवेक है? कोर्ट ने राज्यपाल के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें राज्यपाल ने करीब ढाई साल बाद राष्ट्रपति को राज्य सरकार की सिफारिश भेजी थी।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद भी राज्यपाल कोई फैसला नहीं ले रहा है और न ही कोई आदेश पारित कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि अगर राज्यपाल ऐसे मामलों पर फैसला नहीं लेता है तो पेरारीवलन की जमानत पर फैसला हम लेंगे। इधर, पेरारीवलन ने कोर्ट को बताया कि वह परोल के नियम का पालन कर रहा है और वह घर पर है। उसने कोर्ट को कहा कि वह परोल की सभी शर्तों का पालन कर रहा है, ऐसी स्थिति में उन्हें जमानत दिया जाना चाहिए।
एजी पेरारिवलन ( A.G. Perarivalan )राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे चार दोषियों में से एक है। राजीव गांधी हत्याकांड में पेरारिवलन के अलावा संतन, मुरुगन और नलिनी दोषी हैं। मुरुगन नलिनी का पति है। तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान 21 मई 1991 में लिट्टे के आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई थी। मई 1999 के शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन, मुरुगन, संथम और नलिनी समेत 7 लोगों दोषी ठहराया।