मथुरा ( Mathura) जिले में मोदी लहर में भी अजेय रहने वाले राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले श्यामसुंदर शर्मा( Shayam Sinder Sharma )की किलेबंदी इस बार टूट गई। भाजपा के राजेश चौधरी ने आठ बार के विधायक को पटखनी देकर मांट( Mant )विधानसभा में इतिहास रचकर कमल खिला दिया। भाजपा नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरे राजेश ने यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी है।
श्याम सुंदर शर्मा ( Shayam Sinder Sharma )मांट ( Mant )सीट से 1989 से लगातार विधायक हैं। वह विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा निर्दलीय भी जीतते रहे। अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर पूरे सूबे में रामलहर थी, लेकिन तब भी मांट विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में श्यामसुंदर शर्मा ने जीत दर्ज करके अपनी ताकत का एहसास कराया था। उसके बाद से वह लगातार विधायक बनते रहे।
साल 2017 में सूबे में मोदी लहर में भी वह हाथी पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे थे। लगातार आठ बार विधायक रहने के बाद इस बार भाजपा के उम्मीदवार राजेश चौधरी ने उन्हें पटखनी देकर इतिहास रच दिया। भाजपा नेतृत्व ने पहली बार युवा चेहरे राजेश चौधरी पर पूरा विश्वास जताया। इसके लिए उन्हें पूर्व में प्रत्याशी रहे एसके शर्मा का विरोध भी झेलना पड़ा। एसके शर्मा बागी होकर मथुरा विधानसभा से हाथी पर सवार हो गए। इसके बावजूद राजेश चौधरी ने इतिहास रच दिया। हालांकि इस सीट के लिए प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव से पहले व बाद में जनसभाएं की थीं। इसके अलावा केंद्र के मंत्री व भाजपा संगठन के पदाधिकारियों ने रात दिन एक कर दिया था।
जाट बहुल मानी जाने वाली मांट ( Mant )विधानसभा सीट से पहली बार जाट प्रत्याशी राजेश चौधरी ने परचम लहराया है। 1952 व 57, 67 और 69 में लक्ष्मीरमण आचार्य, 1962,77 में राधेश्याम शर्मा (दोनों ब्राह्मण), 1974 में चंदन सिंह (ठाकुर), 1980 में लोकमणि शर्मा (ब्राह्मण), 1985 में कुशल पाल सिंह(ठाकुर), 89 से 2017 तक श्यामसुंदर शर्मा (ब्राह्मण) का कब्जा रहा। हालांकि जयंत चौधरी ने 2012 में जाट प्रत्याशी के रूप में जीत तो दर्ज की थी, लेकिन उन्होंने विधानसभा नहीं पहुंचने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।