भारतीय जनता पार्टी से सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य( Swami Prasad Maurya )फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। ऐन चुनाव के पहले उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा छोड़ी और इस दावे के साथ सपा का दामन थामा कि उनके आने से प्रदेश में सपा की आंधी चलने लगेगी और लखनऊ के सिंहासन पर हर हाल में अखिलेश यादव की ही ताजपोशी होगी लेकिन सुरेन्द्र कुशवाहा( Surendra Kushwaha )ने उन्हें ऐसी पटखनी दी जो आने वाले समय में उनके राजनीतिक भविष्य पर असर डाल सकती है।
इस सीट से भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र कुशवाहा विजयी हुए हैं। चुनाव परिणामों के दिन शुरुआत से ही वह बढ़त बनाए हुए थे। आखिरकार उन्हें अंतिम परिणाम में स्वामी प्रसाद मौर्य को मात दे दी और फाजिलनगर सीट से चुनाव जीत गए।
बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya )पिछली बार यूपी की पड़रौना विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीते थे. लेकिन, इस बार चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पाला बदलकर न सिर्फ भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थामा बल्कि पड़रौना सीट भी छोड़कर फाजिलनगर से चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन, चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य को हार का सामना करना पड़ा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा चुनावों के ठीक पहले पिछड़ों की उपेक्षा के नाम पर भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देते हुए समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था, जिसके बाद भाजपा ने ‘मास्टर स्ट्रोक’ खेला और कुशीनगर के कद्दावर कांग्रेसी नेता आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल हो गए। आरपीएन के भाजपा ज्वॉइन करते ही कुछ दिनों बाद सपा ने मौर्य को उनकी परंपरागत पडरौना विधानसभा से नहीं, बल्कि बगल की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया और अब परिणाम सबसे सामने है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya )को पटखनी देने वाले सुरेन्द्र कुशवाहा की चर्चा हर तरफ हो रही है। हर कोई जानना चाहता है कि सुरेन्द्र कुशवाहा आखिर हैं कौन? वाकई, यह एक ऐसा नाम है जो साल -2022 के पहले राजनीति के गलियारों में कभी नहीं पड़ा। पेशे से शिक्षक सुरेन्द्र कुशवाहा एक कॉलेज में छात्रों को भूगोल पढ़ाते थे। उनका राजनीति से सीधे तौर पर कोई जुड़ाव नही था लेकिन उम्र की वजह से विधायक पिता गंगा सिंह कुशवाहा ने इस बार चुनावी मैदान से हटने की इच्छा जताई तो पार्टी ने सुरेन्द्र कुशवाहा को मौका दिया। पहले ही चुनाव में सुरेन्द्र ने स्वामी प्रसाद मौर्य जैसी बड़ी सियासी शख्सियत को हराकर गोरखपुर से लखनऊ तक वह अचानक चर्चा में आ गए हैं।
इस जीत से सुरेन्द्र कुशवाहा का कद सियासत में पैर रखते ही बड़ा हो गया है। उनके समर्थकों में इसे लेकर काफी उत्साह है। सुरेन्द्र कुशवाहा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को 45633 वोटों के ठीक-ठाक अंतर से हराया है। स्वामी को कुल 69710 वोट मिले जबकि बीजेपी के सुरेन्द्र कुशवाहा को 115343 वोट। वहीं बसपा के इलियास अंसारी 27326 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे।