राजस्थान ( Rajasthan ) के उदयपुर (Udaipur ) में सूदखोर महिलाअफसर के चंगुल में फंसे व्यापारी दीपक मेहता ने आत्महत्या कर ली । व्यापारी ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी हेमलता काकरिया और उसके पति से 50 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। घरवालों ने बताया कि 50 लाख के 2 करोड़ रुपए दे चुके थे। फिर भी दंपती परेशान कर रहा था।
उदयपुर (Udaipur ) शहर के नवरत्न कॉम्प्लेक्स निवासी व्यापारी दीपक मेहता का सूरजपोल में राजपूती पोशाकों का शोरूम है। रविवार देर रात उसने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली । पिता के घर नहीं लौटने पर बेटे ने मोबाइल की लोकेशन निकाली तो वह शोरूम की आई। घरवाले दुकान पर पहुंचे तो देखा कि दीपक फंदे पर लटका हुआ था। सूचना पुलिस को दी।
मृतक दीपक मेहता ने 5 पेज के सुसाइड नोट में हेमलता काकरिया और उसके पति निरंजन मोगरा को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। मृतक ने हेमलता और निरंजन से व्यापार के लिए 50 लाख रुपए ब्याज पर उधार लिए थे। इसके एवज में 2 करोड़ अधिक चुका दिए थे।
मृतक ने सुसाइड के लिए सूदखोर महिलाअफसर और उसके पति को जिम्मेदार ठहराया। दीपक मेहता ने मरने से पहले अपना सारा हिसाब-किताब सुसाइड नोट में लिखा है। जिसमें लेनदारों और देनदारों का भी जिक्र है। साथ ही मृतक ने अपने बेटे को घरवालों की जिम्मेदारी सौंपते हुए सभी का ख्याल रखने की भी हिदायत दी है।
मृतक के घरवालों ने सोमवार को मॉर्चुरी के बाहर रोते-बिलखते कहा- दीपक की ओर से लिखे सुसाइड नोट में जिस हेमलता काकरिया का जिक्र है, वो कलेक्ट्रेट में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी है। एक अल्पसंख्यक अधिकारी और उसके पति की ओर से ब्याज का खेल लंबे समय से खेला जा रहा है, जिसके चंगुल में दीपक मेहता भी फंस गए। दीपक का मामला उजागर होने के बाद कई पीड़ित भी सामने आ सकते हैं।
परिजनों ने बताया कि दीपक ने उदयपुर (Udaipur ) की जिला अल्पसंख्यक अधिकारी हेमलता से करीब 3 साल पहले 50 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। बदले में 2 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। फिर भी पति-पत्नी बार-बार प्रताड़ित कर रहे थे। हत्या की धमकियां भी दी जा रही थीं। इधर, व्यापार संघ ने चेतावनी दी कि अभी तो कोलपोल बंद करवाया है।कार्रवाई नहीं होने पर घंटाघर, बड़ा बाजार, मालदास स्ट्रीट, सिंधी बाजार, जगदीश चौक समेत पूरे इलाके के बाजार बंद कर प्रदर्शन करेंगे।