केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से राज्य में विदेशी आतंकवादियों की घुसपैठ के साथ-साथ पथराव की घटनाओं में तेजी से गिरावट आई है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में लक्षित हत्याओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारी ने कहा कि कभी-कभी आतंकवादी घटनाओं में तेजी आती है और हालिया हत्याएं उनमें से हैं।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने कहा, घाटी में माहौल ऐसा है कि कश्मीरी पंडित वापस आ सकते हैं। कश्मीर में सीआरपीएफ के कई कैंप और मुख्यालय वैसे घरों और मंदिरों में चल रहे हैं, जिन्हें कश्मीरी पंडित छोड़ कर गए थे। अगर वे घाटी में वापस आते हैं तो उनके घर खाली कर दिए जाएंगे। डीजी के मुताबिक सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में दस जगहों पर 524 कनाल जमीन ली है, जहां कैंप बनाए जाएंगे। अब सुरक्षा बल का कोई भी कैंप वहां के स्कूल परिसर में नहीं लगा है।
सीआरपीएफ (CRPF) मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान सवालों के जवाब में सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ तुरंत इनपुट मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को नियंत्रित करने की कोशिश करता है। इन घटनाओं को पूरी तरह से आंतरिक आतंकवादी लोगों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है। कई मौकों पर इसे सीमा पार बैठे लोगों द्वारा नियंत्रित किया जाता है और यह निर्देशित किया जाता है कि किसे निशाना बनाया जाए या नहीं।
सीआरपीएफ के डीजी ने दोहराया कि कुछ दिशाएं विदेशों से भी आती हैं और इस प्रकार आतंकवादी घटनाएं कभी बढ़ जाती हैं और कभी कम हो जाती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि चीजें हाथ से बाहर हो गई हैं। आप देख सकते हैं कि पथराव की घटनाएं लगभग शून्य हैं। जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकियों की घुसपैठ की संख्या में भारी गिरावट आई है। कभी-कभी आतंकवादी घटनाओं में तेजी आती है लेकिन ऐसा होता है।

अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ ने 1 मार्च 2021 से 16 मार्च 2022 तक जम्मू-कश्मीर में 175 आतंकियों को मार गिराया है और 183 को गिरफ्तार किया है। इस बीच सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर से 253 हथियार बरामद किए हैं और केंद्र शासित प्रदेश से 7,541 गोला-बारूद के साथ-साथ 96.38 किलोग्राम विस्फोटक, 23 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED), 232 ग्रेनेड और 36 डेटोनेटर जब्त किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 1 मार्च 2021 से इस साल 16 मार्च तक 91 मुठभेड़ हुई हैं।
It is not as if the situation is out of hand. After the abrogation of Article 370, the incidents of stone-pelting are almost nill. There is a decrease in the infiltration of foreign terrorists and attacks: DG CRPF Kuldiep Singh on the security situation in Jammu and Kashmir pic.twitter.com/3qAOosa5U4
— ANI (@ANI) March 17, 2022