उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh)में भाजपा ने चुनाव में भले ही किसी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया था, लेकिन सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देते हुए युवा दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari ) को मंत्री बनाया गया है। साल 2019 में दानिश आजाद ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक लेटर भी लिखा था। उन्होंने पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था।
बलिया ( Ballia) के रहने वाले 34 वर्षीय दानिश आजाद अंसारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश महामंत्री हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले आजाद भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई पदों पर रह चुके हैं।
दानिश (Danish Azad Ansari )बलिया में अपायल गांव के रहने वाले हैं। दानिश के दादा मोहम्मद ताहा अंसारी सुखपुरा गांव के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक थे। वे गांव वालों के सुख-दुख में साथ रहते थे। उनकी समस्याओं को प्रमुखता से उठाते थे। दादा का असर दानिश पर पड़ा और वे भी राजनीति में उतरे।दानिश के पिता समीउल्लाह अंसारी बलिया में रहते हैं। वे अपने पिता के इकलौते बेटे हैं। उनकी शादी हो चुकी है।
दानिश ने 12वीं तक पढ़ाई बलिया में पूरी की, इसके बाद उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से 2009 में बीकॉम करने वाले दानिश ने टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट से पीजी किया है। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से भी मास्टर डिग्री ले चुके हैं।
आजाद ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय में भाजपा के प्रति विश्वास जगाने के लिए काफी मेहनत की थी। वह लगातार मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस बात का विश्वास दिलाने की कोशिश में जुटे रहे कि उनका विकास भाजपा सरकार ही कर सकती है। दानिश आजाद (Danish Azad Ansari )को सीएम योगी का भी करीबी माना जाता है। वह यूपी सरकार के फखरुद्दीन अली मेमोरियल समिति के सदस्य भी रहे हैं। इसके अलावा राज्य भाषा समिति के भी सदस्य हैं।