
पुलिस ने आईआईटी मद्रास (IIT Madras) दो प्रोफेसरों सहित आठ के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। छात्रा ने शिकायत में इंस्टीट्यूट और दौरे के समय शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करने, थीसिस के लिए लैब के उपकरणों के इस्तेमाल से रोकने के भी आरोप लगाए हैं। पुलिस ने पीड़िता की एफआईआर पर एक साल से कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर महिला संगठन ने चिंता व्यक्त की है।
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेंस एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए), तमिलनाडु की अध्यक्ष एस. वेलेंटिना और महासचिव पी. सुगंति ने कहा कि पीड़िता अनुसूचित जाति समुदाय से है। पुलिस ने एक साल तक न तो बलात्कार के आरोप और न ही एससी / एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम में मामला दर्ज नही किया है।उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की भी मांग की।महिला शोधार्थी के आरोपों पर आईआईटी मद्रास ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है।
दलित महिला, ने 29 मार्च, 2021 को मायलापुर ऑल वूमेन पुलिस में एक पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसके साथी उसके साथ बलात्कार करने और सात अन्य लोगों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग, एससी/एसटी आयोग और अन्य को भी याचिकाएं भेजी थीं। महिला ने अपनी विस्तृत शिकायत में यह भी कहा कि आईआईटी मद्रास (IIT Madras) परिसर के भीतर उसे गंभीर शारीरिक शर्मिंदगी, यौन उत्पीड़न और बलात्कार का शिकार होना पड़ा।