Friday, September 20, 2024

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Rajasthan: सरिस्का बाघ अभयारण्य में लगी भीषण आग, बाघों पर मंडराया खतरा

Sariska

Sariska   ( ) स्थित सरिस्का( Sariska ) बाघ अभयारण्य में रविवार शाम से लगी आग( Fire) आज बुधवार को भी नहीं बुझ पाई है। तेज हवाओं के साथ इस पथरीले जंगल की आग और अधिक फैल रही है। वन विभाग के मुताबिक आग करीब 20 किलोमीटर के दायरे में फैल चुकी है। इससे करीब 135 हैक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका है।

सरिस्का( Sariska )में आग बुझाने के लिए वायु सेना के दो हैलीकॉप्टर मंगलवार सुबह सा़ढ़े 10 बजे से अलवर नगर के समीप स्थित सिलीसेढ़ झील से पानी भरकर आग ( Fire) पर बौछार कर इसे काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल पाई है। सरिस्का प्रशासन का कहना है कि पहाड़ों में आग अधिक होने से वहां स्टाफ नहीं पहुंच पा रहा है। वायु सेना के 2 हैलीकॉप्टर पहाड़ों के ऊपर पानी की फेंक रहे हैं। लेकिन तेज हवाओं के कारण आग फैल रही है।

वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर उत्तर प्रदेश के सरसावा और दूसरा हेलिकॉप्टर राजस्थान के जोधपुर से आया है। हेलिकॉप्टर एक राउंड में साढ़े 3 हजार लीटर पानी एयरलिफ्ट कर ले जा रहे हैं. हेलिकॉप्टर में फ्यूल भरने के लिए टेंकर की व्यवस्था भी की गई हैं.

एडीएम सिटी सुनीता पंकज ने बताया कि एयरफोर्स की तरफ से हेलीकॉप्टरों हेलीकॉप्टरों में फ्यूल के दिक्कत ना हो. उसके लिए अलग से फ्यूल फिल करने के लिए एक हेलिकॉप्टर भेजा है. जिससे आग बुझाने के काम में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो सके.

सरिस्का ( Sariska )क्षेत्र के निदेशक आरएन मीणा ने बताया कि सरिस्का के पृथ्वीपुर इलाके में 27 मार्च को आग (Sariska Fire) लगने की सूचना मिली थी. उसके बाद लगातार आग को बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन आग कई किलोमीटर क्षेत्र में फैल चुकी है.sariska fire

सरिस्का ( Sariska )में आग बुझाने के लिए अलवर वन मंडल, भरतपुर, दौसा आदि जिलों से वनकर्मी बुलाए गए हैं। सरिस्का का स्टाफ और आसपास के करीब 250 ग्रामीण आग पर काबू पाने में पहले से ही जुटे हुए हैं।

वहीं अलवर नगर परिषद की दो व सिविल डिफेंस की एक गाड़ी भी स्टाफ सहित आग (Sariska Fire) बुझाने में लगी हुई है।सरिस्का में वाइल्ड्लाइफ सफारी गाइड दिनेश कुमार कसाना ने vijayupadhyay.com को फोन पर बताया कि बुझाने के तमाम प्रयासों के बावजूद 881 वर्ग किमी के इस जंगल में आग ( Fire) का विस्तार लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह लगभग 20 वर्ग किमी क्षेत्र में फैल चुकी है। कसाना के अनुसार यह आग मुख्यतः पांडुपोल हनुमान मंदिर के समीप सफारी ज़ोन 4 के आसपास लगी है लेकिन उस क्षेत्र में सफारी नहीं कराई जाती। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वहां पहुंचना काफी दुष्कर है।

कसाना ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी लगातार इस क्षेत्र में रहने वाली बाघिन एसटी-17 और उसके दो शावकों पर नजर रखे हुए हैं और फिलहाल वे सभी सुरक्षित हैं। बाघिन या शावकों पर आग से कोई खतरा मंडराने पर उन्हें वहाँ से सुरक्षित निकालने की भी तैयारी है।

अकबरपुर रेंज बाघों का कोर एरिया है। अकबरपुर रेंज के नारेंडी में बाघिन एसटी-17 और उसके दो शावकों का मूवमेंट है।वहीं रोटक्याला में बाघ एसटी-20 और एसटी-14 विचरण कर रहे हैं। ऐसे में बाघों पर खतरा मंडरा रहा है।बाघों के कोर एरिया में आग लगना चिंता का विषय है। यहां घना जंगल बाघों के लिए मुफीद था, लेकिन अब जलकर राख हो गया है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels