मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath ) ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक सप्ताह के भीतर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने सोनभद्र( Sonbhadra ) जिलाधिकारी (डीएम) टीके शिबू को खनन मामले में अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया है।
सोनभद्र ( Sonbhadra ) के जिलाधिकारी टीके शिबू के निलंबन के कुछ देर बाद गाजियाबाद (Ghaziabad ) के एसएसपी पवन कुमार को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी पवन कुमार पर ड्यूटी में लापरवाही और अपराध को नियंत्रित करने में विफलता के लिए निलंबित किया गया है।
2012 बैच के आईएएस अधिकारी टीके शिबू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सीएम योगी ने स्पष्ट कर दिया है कि भष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति इस कार्यकाल में लागू रहेगी। इस कार्रवाई के बाद डीएम के ऊपर विभागीय जांच बैठा दी गई है। वाराणसी के कमिश्नर को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है।उनकी जगह जल्द ही नए जिलाधिकारी की नियुक्ति होगी। आरोपों की जांच वाराणसी मंडल के आयुक्त को सौंपी गई है।
उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के विरुद्ध टी के शिबू के खिलाफ खनन, जिला न्यास समिति और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही थीं। यूपी विधानसभा चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में लापरवाही के कारण पूरे जिले का दोबारा मतदान कराने स्थिति हो जाने के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है।टी के शिबू को राजस्व परिषद कार्यालय लखनऊ से सम्बद्घ कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भी जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में भी उन्होंने लापरवाही बरती थी। पोस्टल बैलेट पेपर सील नहीं किया गया जिसके कारण पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के खिलाफ भ्रष्टाचारों के आरोपों की जांच विंध्याचल मंडल के कमिश्नर ने की थी। जांच में आइएएस टीके शिबू को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है।
डीएम पर लगे आरोपों की जांच के लिए वाराणसी मंडल के कमिश्नर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच पूरी होने तक वह राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे। इस दौरान वह बिना किसी लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं।
गाजियाबाद (Ghaziabad ) के एसएसपी पवन कुमार के खिलाफ जनता से जुड़े मुद्दों पर लापरवाही बरतने की लगातार शिकायतें मिल रही थी। जिसकी जांच में पवन कुमार को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है। वह गाजियाबाद से पहले मुरादाबाद में एसएसपी थे। पवन कुमार की पहली पोस्टिंग ट्रेनिंग के दौरान एसपी सिटी आगरा के पद पर तैनात रहे थे। इसके बाद वह शामली, चित्रकूट, जौनपुर, उन्नाव, सीतापुर, सुल्तानपुर एसपी के पद पर तैनात रह चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से ही सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ एक्शन मोड में हैं। गुरुवार को पहले सोनभद्र डीएम को टीके शिबू निलंबित किया गया, वहीं अब गाजियाबाद एसएसपी पवन कुमार पर कार्रवाई की गई है।
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही गाजियाबाद (Ghaziabad ) के थाना मसूरी क्षेत्र में दिनदहाड़े बदमाशों ने फायरिंग करके पेट्रोल कर्मचारियों से 25 लाख रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया था। घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें बदमाशों ने दिनदहाड़े फायरिंग करके लाखों रुपये लूट लिए थे।
Uttar Pradesh | DM Sonbhadra and SSP Ghaziabad suspended following serious allegations of corruption and negligence. SSP Ghaziabad suspended for dereliction of duty and for failure to control crime.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 31, 2022