भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI ) घोटाला मामले में सीबीआई ने देश भर में 22 स्थानों पर छापेमारी की है। इस दौरान एजेंसी ने आभूषण और बार के रूप में नौ किलो से अधिक सोना और 1.1 करोड़ रुपये नकदी जब्त की है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि एनएचएआई के नौ शीर्ष अधिकारियों समेत कुल 22 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।
जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें एनएचएआई ( NHAI ) के महाप्रबंधक, परियोजना निदेशक, प्रबंधक शामिल हैं। इसके अलावा 13 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन सभी लोगों पर कथित तौर पर साल 2008 से साल 2010 के दौरान तीन हाईवे परियोजनाओं के लिए अवैध रूप से मासिक भुगतान लेने का आरोप है।
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि 2008 से 2010 के दौरान राष्ट्रीय एनएच-06 के हिस्से सूरत-हाजिरा पोर्ट परियोजना, एनएच-08 के किशनगढ़-अजमेर-बेवर खंड और एनएच-02 के वाराणसी-औरंगाबाद खंड का काम एनएचआई ने निजी कंपनियों के एक समूह को दिया था। इन तीनों परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए विशेष उद्देश्य के वाहन तैयार किए गए थे।
प्रवक्ता ने कहा कि आरोप है कि इन परियोजनाओं पर काम के दौरान एनएचएआई ( NHAI )अधिकारियों ने निजी कंपनियों से पैसे लिए। ये भुगतान निजी कंपनियों के उप ठेकेदारों ने किए थे जिन्होंने अपने बही खातों में हेराफेरी की थी। सीबीआई ने साल 2018 में इन आरोपों की जांच शुरू की थी और प्रथम दृष्ट्या यह पाया था कि एनएचएआई के अधिकारियों को अवैध भुगतान किए जा रहे थे।
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार तीनों परियोजनाओं का काम आईसोलक्स कोरसन इंडिया इंजीनियरिंग एवं कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (आईसीआईईसीपीएल) को और सोमा एंटरप्राइजेज को दिया गया था। सीबीआई के अनुसार आईसीआईईसीपीएल इस समय लिक्विडेशन (परिसीमन) की प्रक्रिया का सामना कर रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार छापेमारी के दौरान सीबीआई ने सूरज प्रकाश नामक व्यक्ति के पास से 5.5 किलो सोने के आभूषण बरामद किए। सूरज प्रकाश वाराणसी-औरंगाबाद खंड के लिए परियोजना निदेशक थे। ये छापेमारियां दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत 22 स्थानों पर की गई।
जोशी ने बताया कि एनएचएआई ( NHAI )अधिकारियों के नाम पर संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा 1.1 करोड़ रुपये नकद, 49.1 लाख रुपये की एफडी रसीदें, 4.5 करोड़ रुपये कीमत का सोना और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। एजेंसी ने उस समय आईसीआईसीपीएल में काम कर रहे कई शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।