उत्तर प्रदेश में नौकरशाही का क्रूर चेहरा प्रतापगढ़ ( Pratapgarh ) में देखने को मिला है, जहां लालगंज के एसडीएम ने अपनी दंबगई अपने ही अधीनस्थ कर्मचारी पर दिखाई और बेकाबू एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह (Gyanendra Vikram Singh )ने नायब नाजिर सुनील शर्मा को इतना बेरहमी से पीटा कि उसकी मौत हो गयी।
सुनील के बेटे सुधीर शर्मा ने इस मामले में एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह समेत 4 लोगो के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 308, 323,452, 504 के अन्तर्गत थाना लालगंज में केस दर्ज कराया है। तहरीर में लिखा गया है कि एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह बाउन्ड्री बनाने के लिए मेरे पिता से 6 हजार ईटों की मांग कर रहे थे।जब उन्होने इसको लेकर मनाही की तो एसडीएम ने उनके कत्ल के इरादे से उन्हें घर में घुसकर बुरी तरह पीटा और मरणासन्न स्थिति में छोड़ गये।
सुधीर ने यह भी लिखा है कि इस तरह की नाजायज मांगे पहले भी एसडीएम कर चुके थे जिसके बारे में उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया गया था लेकिन आला अफसरों ने की। आरोपी एसडीएम सुनील के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान वहां पहुंचे और उन्होने मीडिया को रोकने की कोशिश की. आरोप है कि उन्होने अस्पताल के डाक्टरों पर भी दबाब बनाया।
घटना के बाद कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। देर रात तहसील गेट पर कर्मचारियों ने जाम लगा दिया। मौके पर डीएम और एसपी पहुंच गए। कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए डीएम ने एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
एसडीएम पर पिटाई का आरोप लगाने वाले लालगंज तहसील में तैनात नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा (55) की शनिवार रात मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसकी जानकारी होने पर कर्मचारी संगठन भड़क गए। अस्पताल पहुंचे कर्मचारियों और वकीलों ने घटना को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
प्रतापगढ़ ( Pratapgarh ) पुलिस को शव कब्जे में लेने से रोक दिया। घटना की जानकारी पर पुलिस और प्रशासन के अफसर भी अस्पताल पहुंच गए। देर रात तक कर्मचारी आरोपी एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे। उधर, डीएम ने मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। देर रात एसडीएम को हटाकर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। डीएम के आदेश पर देर रात आरोपी एसडीएम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
प्रतापगढ़ ( Pratapgarh ) की लालगंज तहसील में नायब नाजिर के पद पर तैनात शहर के विवेक नगर के रहने वाले सुनील कुमार शर्मा ने 31 मार्च को पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 30 मार्च की रात एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह होमगार्ड के साथ आए और उन्हें डंडे से जमकर पीटा। हालांकि पुलिस तहरीर मिलने से इनकार करती रही। दूसरे दिन घायल सुनील शर्मा की पीठ पर लाठियों के निशान देख कर्मचारी आक्रोशित हो उठे।
उन्हें उपचार के लिए सीएचसी ले जाया गया। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर नायब नाजिर को लालगंज स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, लेकिन यहां हालत में सुधार नहीं हुआ। शनिवार को स्थिति गंभीर देख नायब नाजिर को मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां रात में उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी के बाद बड़ी संख्या में कर्मचारी भी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को शव कब्जे में लेने से रोक दिया। देर रात तक कर्मचारी आरोपी एसडीएम की गिरफ्तारी करने की मांग पर अड़े थे।
प्रयागराज के रहने वाले एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम की पहली तैनाती प्रतापगढ़ में ही हुई थी। वह जिले में बतौर प्रशिक्षु आए थे। प्रशिक्षण का समय पूरा होने के बाद उन्हें पहली तैनाती रानीगंज तहसील में दी गई थी। हालांकि वहां कुछ ही दिनों तक वह अपनी पारी खेल सके। वहां से हटाकर उन्हें लालगंज एसडीएम बनाया गया था।
लालगंज तहसील में कार्यरत नायब नाजिर, सुनील कुमार शर्मा की आज दिनांक 02.04.2022 को मृत्यु होने के संबंध में प्राप्त तहरीर पर अभियोग पंजीकृत किया गया है। साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है, उपरोक्त के संबंध मे जिलाधिकारी प्रतापगढ़ डॉ0 नितिन बंसल की बाइट। @Uppolice pic.twitter.com/0LQHKprRAy
— PRATAPGARH POLICE (@pratapgarhpol) April 2, 2022