Sunday, April 20, 2025

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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नवीं कक्षा की पाठ्य पुस्तक में हर्ष मंदर की कहानी को शामिल करने पर एनसीईआरटी से मांगा जवाब 

NCPCR seeks reply from NCERT over inclusion of story by Harsh Mander in text book

NCPCR seeks reply from NCERT over inclusion of story by Harsh Mander in text bookपूर्व आईएएस हर्ष मंदर ( Harsh Mander )की एक कहानी नवीं कक्षा की पाठ्य पुस्तक में शामिल करने पर   ) ने इसे लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) से जवाब मांगा है। हर्ष मंदर पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और एक बाल संरक्षण केंद्र (child home) चलाने के मामले में उनके खिलाफ ईडी की जांच चल रही है।

एनसीईआरटी (NCERT) को लिखे एक पत्र में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो(Priyank Kanoongo) ने कहा है कि आयोग को कक्षा नवीं की  अंग्रेजी पुस्तक ‘मोमेंट्स’ में शामिल ‘वेदरिंग द स्टॉर्म इन एर्सामा'( Weathering the Storm in Ersama ) शीर्षक वाली एक कहानी को लेकर शिकायत मिली है। अन्य प्रसिद्ध साहित्यकारों व लेखकों की रचनाओं के साथ हर्ष मंदर की इस कहानी को भी पाठ्य पुस्तक में शामिल किया गया है।

आयोग ने पत्र में कहा है कि दो अन्य कहानियों ‘ए होम आन द स्ट्रीट’ और ‘पेइंग फॉर हिज टी’ को लेकर भी शिकायत मिली है। एनसीपीसीआर का कहना है कि इन कहानियों को देश में बाल संरक्षण के परिदृश्य का बगैर सत्यापन किए पाठ्य पुस्तक में शामिल किया गया है। आयोग ने इस पर परिषद से एक सप्ताह में जवाब देने को कहा है। आयोग को मिली शिकायत में कहा गया है कि जिस व्यक्ति की एक बाल संरक्षण केंद्र चलाने के मामले में ईडी जांच कर रहा है और जिसमें वह आरोपी है, उसकी कहानी पुस्तक में क्यों शामिल की गई? एनसीईआरटी (NCERT) से जवाब मांगने के साथ ही मामले में उचित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

विदित रहे कि पिछले साल हर्ष मंदर ( Harsh Mander )के एनजीओ के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के रजिस्ट्रार की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 83 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। ये मामले सीएसई द्वारा दक्षिण दिल्ली में स्थापित ‘उम्मीद अमन घर’ और ‘खुशी रेनबो होम’ से जुड़े हैं।  पुलिस ने तब बताया था कि इन संस्थानों की एनसीपीसीआर की टीम द्वारा पिछले वर्ष अक्टूबर में जांच के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने तब इल्जाम लगाए थे कि इन दो गैर सरकारी संगठनों की जांच में एक संस्थान में किशोर न्याय अधिनियम और बाल यौन उत्पीड़न सहित कई अन्य अनियमितताएं पाई गई थीं।  मंदर ( Harsh Mander ) ने तब इन आरोपों को ‘‘अनुचित’’ बताया था, उन्होंने कहा था, ‘‘मेरा मानना है कि यह पूरी तरह अनुचित है, हमने काफी मजबूत व्यवस्था बनाई है। जैसे हमारे पास बुजुर्ग महिलाएं (देखभाल करने वाली) हैं जो बच्चों के साथ सोती हैं और हम उनकी काउंसिलिंग करते हैं. ये महज आरोप हैं और अफवाह हैं।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels