महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई ( Mumbai) में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी ) की तानाशाही जारी है। दरअसल, बीएमसी ( BMC ) ने एक आदेश जारी कर कहा है कि मुंबई में अब दुकानों और प्रतिष्ठानों के लिए मराठी साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही सर्कुलर के अनुसार शराब की दुकानों और बार का नाम किलों, गणमान्य व्यक्तियों और मूर्तियों के नाम पर नहीं रखना है। आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नगर निकाय बीएमसी ( BMC ) ने कहा कि इन नियमों के उल्लंघन के मामले में संबंधित दुकान और प्रतिष्ठान मालिकों के खिलाफ महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 17 मार्च, 2022 को मराठी नेमप्लेट के लिए महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन किया था। बुधवार को, बीएमसी ने उसी के संबंध में एक परिपत्र प्रकाशित किया है। बीएमसी के अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है।
बीएमसी ( BMC ) की रिकॉर्ड के अनुसार, मुंबई में कुल 5,08,897 दुकानें और प्रतिष्ठान हैं। पुराने दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत भी मराठी नेम प्लेट लगाना अनिवार्य था। लेकिन 2017 में, राज्य सरकार ने कानून में संशोधन किया, जिसके तहत नौ से कम कर्मचारियों वाली दुकानों और प्रतिष्ठानों को मराठी नेमप्लेट प्रकाशित करने की आवश्यकता नहीं थी। अब, नए संशोधन के अनुसार, सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों, कर्मचारियों की संख्या के बावजूद, दुकान का नाम मराठी में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा।
इस बीच, मंगलवार को, बीएमसी ( BMC ) ने प्राथमिक विद्यालयों के लिए एक परिपत्र भी प्रकाशित किया, जिसमें पंजीकरण संख्या के साथ स्कूल का नाम मराठी में प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया। यह नियम सभी निजी, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को कवर करता है।
Mumbai civic body asks all shops and establishments in city to ensure they have Marathi signboards, and refrain from using names of legendary personalities and historical forts for liquor shops
— Press Trust of India (@PTI_News) April 6, 2022