आगरा (Agra) के प्रसिद्ध गुरुद्वारा गुरु का ताल में जत्थेदार गुरतेज सिंह( Jathedar Gurtej Singh ) फांसी लगा आत्महत्या कर ली, उनका शव कमरे में फंदे से लटका मिला है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया।कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। बताया गया है कि जत्थेदार मूलरूप से बठिंडा के गोविंदपुरा के रहने वाले थे ।
गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया समन्वयक गुरुनाम सिंह ने बताया कि पीलीभीत (Pilibhit ) शहबाजपुर गुरुद्वारा गुरुनानक देव जी के जत्थेदार गुरतेज सिंह (55)( Jathedar Gurtej Singh ) ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है।मीडिया रिपेार्ट के अनुसार वह 15 दिन पहले दवा लेने आगरा आए थे। तब से यहीं रह रहे थे। उन्हें माइग्रेन की बीमारी थी। उनका इलाज चल रहा था।
शुक्रवार की सुबह 10 बजे वह सभी लोगों से मिले थे। इसके बाद गुरुद्वारा परिसर में बने अपने कमरे में चले गए। 11.30 बजे सेवादार उन्हें लंगर के लिए बुलाने गए तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। जब काफी देर बाद भी दरवाजा नहीं खोला गया तो दरवाजे को तोड़ा गया। अंदर पंखे से बंधे फंदे से उनका शव लटका मिला।
इस पर पुलिस को सूचना दे दी गई। गुरतेज सिंह ( Jathedar Gurtej Singh )पंजाब (Punjab) के बठिंडा ( Bathinda ) के रहने वाले थे। वहां से परिवार के लोग आगरा के लिए चल दिए हैं।आगरा पुलिस ने बताया कि थाना सिकंदरा अंतर्गत गुरुद्वारा गुरु का ताल में शुक्रवार को जत्थेदार के आत्महत्या करने की जानकारी मिली है। मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है। आत्महत्या का कारण पता किया जा रहा है।