ग्वालियर ( Gwalior ) के पिछोर सरकारी अस्पताल में कार्यरत् नर्स काजल राजपूत ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली। उसका सपना दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS )में नौकरी करना था। इसमें उसका चयन भी हो गया था। लेकिन डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन में कुछ परेशानी आने के कारण उसे नियुक्ति नहीं मिल सकी। आशंका है कि इसी वजह से निराश होकर उसने खुदकुशी कर ली। यह कदम उठाने से पहले अस्पताल में एक प्रसूता की डिलीवरी कराई थी।
ग्वालियर( Gwalior ) के पुरानी छावनी जिगसोली निवासी काजल राजपूत (28) पुत्री राजकुमार पेशे से नर्स थी। दो साल से वह डबरा के पिछोर सरकारी अस्पताल (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) में पदस्थ थी। और अस्पताल परिसर में बने सरकारी आवास में ही रह रही थी। दोपहर को जब उसका कॉल रिसीव नहीं हो रहा था तो परिजन ने एक परिचित और उसकी सहेली को सूचना दी। घर जाकर काजल से बात कराने के लिए कहा। जब उसकी सहेली उसके कमरे में पहुंची तो वह फांसी पर लटकी मिली। सुसाइड की खबर मिलते ही पिछोर थाना पुलिस भी मौके पर आ गई। कुछ देर बाद ग्वालियर से फोरेसिंक टीम को भी मौके पर बुला लिया था।
ग्वालियर ( Gwalior )पुलिस ने पड़ताल की तो मालूम चला कि वह दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS ) में स्टाफ नर्स का पेपर देने गई थी। उसका सिलेक्शन भी हो गया था, लेकिन वेरिफिकेशन में कुछ गड़बड़ के चलते उसे बाहर कर दिया गया था। वह रविवार सुबह ही ग्वालियर लौटी और सीधे पिछोर अस्पताल पहुंच गई थी। यहां उसने एक सफल डिलीवरी भी कराई थी। इसके बाद घर जाकर उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।