पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के कोलकाता ( Kolkata ) में आईवीएफ अनुसंधान में भारत के जाने-माने चिकित्सकों में से एक डॉ. बैद्यनाथ चक्रवर्ती( Dr Baidyanath Chakravarty ) का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को निधन हो गया। उन्होंने एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 94 वर्ष के थे। अस्पताल ने बताया कि उनका दिल का दौरा पड़ने के बाद मार्च से ही सॉल्ट लेक के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। उन्हें निमोनिया भी हो गया था।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें कई बीमारियां थीं, जिनमें से ज्यादातर उम्र संबंधी थीं। उन्होंने सुबह अंतिम सांस ली। डॉ. चक्रवर्ती ( Dr Baidyanath Chakravarty ) ने कृत्रिम गर्भाधान अनुसंधान के लिए 1986 में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन’ (आईआरएम) की स्थापना की। उन्होंने 2019 में इसे आईसीएमआर को सौंप दिया। उनका पार्थिव शरीर दोपहर को उनके आवास पर लाया गया। वहां से पार्थिव शरीर सीआईटी रोड पर उनके पुराने क्लिनिक ले जाया गया, जहां लोग उन्हें अंतिम विदाई दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शोक जताते हुए कहा कि डॉ. बैद्यनाथ चक्रवर्ती ( Dr Baidyanath Chakravarty ) के निधन से चिकित्सा और अनुसंधान जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने एक बयान में कहा कि वह भारत में आईवीएफ या कृत्रिम गर्भाधान अनुसंधान और इलाज के क्षेत्र में अग्रणी थे। अनुभवी चिकित्सा द्वारा स्थापित किए गए इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन ने असंख्य निसंतान दंपतियों को बच्चे दिलाने में मदद की। राज्य सरकार ने उन्हें 2019 में ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ दिया था।वह भारत में आइवीएफ या कृत्रिम गर्भाधान अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में अग्रणी थे। वयोवृद्ध चिकित्सक द्वारा स्थापित प्रजनन चिकित्सा संस्थान ने अनगिनत नि:संतान दंपतियों की गोद भरने में मदद की है। ‘इन विट्रो फर्टिलाइजेशन’ (आईवीएफ) ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें अंडे को कृत्रिम माहौल में शुक्राणु के साथ रखकर भ्रूण तैयार किया जाता है।